जयपुर। एसएमएस अस्पताल में दान किए हार्ट या अन्य ऑर्गन अब राज्य के बाहर के निजी अस्पताल भेजने पर आर्गन लेने वाले को दो लाख रुपए तक चुकाने होंगे। राज्य सरकार ने डोनर मैनेजमेंट के नाम से नई व्यवस्था की है। इसके तहत अब एसएमएस से आर्गन किसी भी अस्पताल को भेजा तो उस पर होने वाले खर्च की पूरी राशि वसूली की जाएगी। केडेवर ट्रांसप्लांट के दौरान जिस परिवार को अंग दिया जाएगा, उससे यह राशि ली जाएगी। हालांकि निजी अस्पतालों द्वारा वसूल किए जा रहे शुल्क के मद्देनजर जो राशि अब निर्धारित की गई है, वह काफी कम है। नियमों के अनुसार किसी भी अंग की खरीद-फरोख्त गैरकानूनी है। ऐसे में अंगों की राशि नहीं लेकर उस पर खर्च पर होने वाली राशि ली जाएगी।
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डीएस मीणा के अनुसार हमारे यहां हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने और कई बार क्रास मैच नहीं होने से आर्गन बाहर भेजने पड़ते हैं। इन सभी पर पैसा खर्च होता है। इसके लिए अब राशि निर्धारित कर दी गई है। अलग-अलग प्रोसेस की अलग राशि तय है। चिकित्सा विभाग ने भले ही आर्गन डोनेशन पर होने वाले इस खर्च की वसूली की जल्दी कर ली हो लेकिन एसएमएस अस्पताल में ही सभी आर्गन ट्रांसप्लांट हो सकें, इसकी तैयारियों में अभी पीछे ही है। किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट यहां हो रहे हैं लेकिन हार्ट ट्रांसप्लांट भी जल्दी शुरू हो, सरकार को इसके लिए भी जल्दी करनी चाहिए। निजी अस्पतालों से हार्ट रिसिपिएंट से भले ही दो लाख रुपए लेने का निर्णय किया गया हो लेकिन प्रोसेस के ही 50 लाख रुपए तक लेते हैं।