रायपुर। कंपाउंडर को छत्तीसगढ़ राज्य फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार नियुक्त करने के आदेश पर इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (आईपीए) ने विरोध जताया है। आईपीए ने इस संबंध में विभागीय सचिव को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है।

यह है मामला

छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अंबेडकर अस्पताल में पदस्थ कंपाउंडर को छत्तीसगढ़ राज्य फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार नियुक्त करने के आदेश जारी किए है। इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्ले से मुलाकात कर किसी फार्मासिस्ट को रजिस्ट्रार बनाने व पूर्व में कम्पाउण्डर को फार्मासिस्ट पदनाम देने संबंधी आदेश को रद करने की मांग की है। साथ ही, आईपीए ने स्वास्थ्य मंत्री से भी जल्द विषय का समाधान करने के लिए पत्र लिखा है।

फार्मासिस्टों में आक्रोश

आईपीए ने बताया कि कम्पाउण्डर को छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाए जाने से छत्तीसगढ़ के 28 हज़ार पंजीकृत फार्मासिस्टों में आक्रोश पनप गया है। फार्मेसी कानून एजुकेशन रेगुलेशन एक्ट 1991 के अनुसार फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन के लिए कम से कम डी फार्मा होना अनिवार्य है। इस पद के लिए बी फार्मा डिग्रीधारक को प्राथमिकता दी जाने का प्रावधान है।

कंपाउंडर

गौरतलब है कि पूर्व सरकार ने फ़ार्मेसी कौंसिल में रजिस्ट्रार चयन के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति में तीन सदस्य हैं और तीनों ही चिकित्सक हैं। आईपीए ने समिति में फार्मासिस्ट को शामिल करने की मांग की है, जिससे इस तरह की कोई गलती की संभावना न रहे।