रायपुर। ठंड की विदाई और गर्मी के आगमन के बीच का बदलता मौसम लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालने लगा है। लोगों में सर्दी-खांसी की शिकायत बढ़ने लगी है। छोटे अस्पतालों में इसकी वजह से भीड़ जुटने लगी है, वहीं दवा कारोबार में भी कफ सीरप और पैरासिटामाल की मांग बढ़ने लगी है। गौरतलब है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन आने के बाद शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं की संख्या कम होने लगी है। पहले दवा दुकानों में इस तरह की दवाओं की भरमार होती थी।
अब सामान्य दिनों में चलने वाली च्वयनप्राश जैसे उत्पादों की बिक्री हो रही है, मगर कोरोना से संबंधित दवा की बिक्री ना के बराबर हो गई है। तो वहीं रायपुर जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष – ठा. राजेश्वर सिंह ने बताया कि पिछले सात-आठ दिनों से गर्मी अपना असर दिखा रही है, जिसकी वजह से सर्दी-खांसी की दवा की डिमांड बढ़ने लगी है। आने वाले दिनों में पेट दर्द, बुखार के साथ शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ाने वाले पावडर की मांग बढ़ेगी। गौरतलब है कि गर्मी के दिनों में शरीर से अधिक पसीना निकलने की वजह से कमजोरी का अहसास होता है।
इस दौरान काफी लोग इससे बचाव के लिए ग्लूकोज अथवा इलेक्ट्राॅल पावडर का उपयोग करते हैं। थोक दवा कारोबार से जुड़े सूत्रों की मानें तो गर्मी के दिनों में प्रदेश में एक से डेढ़ करोड़ की ऐसी दवाओं की खपत हो जाती है। सूत्रों के मुताबिक सर्दी-खांसी और शरीर में दर्द जैसी शिकायत बढ़ने का असर दवा कारोबार पर भी पड़ता नजर आ रहा है। वर्तमान में बड़ा बदलाव तो नहीं हुआ है, मगर दर्द निवारक दवा और खांसी की दवा की मांग बढ़ने लगी है और पिछले आठ दिनों में इन दवाओं की डिमांड में आठ से दस प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
दवा कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बदलते मौसम में दवाओं की मांग सामान्य दिनों की तुलना में अधिक होती है। वर्तमान में गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू किया है और यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तेज गर्मी के साथ मौसमी बीमारी अपना असर दिखा सकती है, जिसके बाद दवाओं की खपत पंद्रह से बीस फीसदी अधिक होने की संभावना है।