बांदा (उप्र)। मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में खोले गए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र कमीशनबाजी के शिकार हो गए हैं। इन्हें जीवनरक्षक दवाइयां आम मरीजों तक पहुंचाने के मकसद से खोला गया था। इसके बावजूद केंद्रों में उपलब्ध दवाएं लिखने के बजाए डॉक्टर अपने कमिशन के लिए बाहरी दवाएं लिख रहे है। इसके चलते आम मरीज बाजार से ज्यादा कीमत देकर दवाइयां खरीदने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि मरीजों को सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में कुछ माह पहले जन औषधि केंद्र खोले गए थे। जिला अस्पताल में रोजाना लगभग 1500 नए-पुराने मरीज आते हैं। इनके पर्चों पर डॉक्टर ज्यादातर जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाओं के स्थान पर बाजार में बिकने वाली दवाएं लिख रहे हैं, जबकि केंद्रों के प्रभारियों का कहना है कि जन औषधि केंद्र में हर प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। इसके बाद भी मरीजों को बाजार की दवाएं लिखे जा रही हैं। इससे जन औषधि केंद्रों में रोजाना बमुश्किल दो से तीन हजार रुपए की दवाएं ही बिक पा रही हैं। इसके पीछे डॉक्टरों की कमीशनबाजी साफ रूप से दिखाई दे रही है।
डॉक्टरों के बाजार की दवाओं के प्रति प्रेम और औषधि केंद्र की अनदेखी की पोल जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र प्रभारी रामलखन सिंह के पत्र से खुली है। डीएम को भेजे पत्र में प्रभारी ने कहा है कि जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में संचालित केंद्रों में उच्च गुणवत्ता की जेनेरिक दवाएं न्यूनतम दरों पर उपलब्ध हैं, लेकिन डाक्टरों का इसमें अपेक्षित सहयोग न मिलने से मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पत्र पर डीएम ने मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल के अधीक्षकों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बांदा डॉ. किशोरीलाल का कहना है कि जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों को जेनेरिक दवाएं लिखने के लिए निर्देशित किया गया है। पहली प्राथमिकता मरीज को अस्पताल की मुफ्त दवा देने की है। यहां दवा उपलब्ध न होने के बाद ही जेनेरिक केंद्र की दवाएं लिखी जाती हैं। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। सरकारी दवाओं की आपूर्ति अब कार्पोरेशन से होती है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाइयां और इंजेक्शन उपलब्ध हैं। जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाएं बाजार से लगभग 60 से 80 फीसदी तक सस्ती हैं। टायफाइड में इस्तेमाल एंटीबॉयटिक सिफिलेक्सिम ओफलॉक्सासिन (10 गोली) जन औषधि केंद्र में 36 रुपये और बाजार में 200 रुपये की है। टरबूटालिन-2 कफ सिरप केंद्र में अधिकतम 42 रुपये का है। बाजार में यह 80 से 100 रुपये में मिलता है। इंजेक्शन पिपरासिलीन-4.5 यहां 110 रुपये में और बाजार में 460 रुपये में मिलता है।