अंबाला। हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन पंकज जैन के आकस्मिक निधन के पश्चात कार्यकारी चेयरमैन बनाए गए सोहनलाल कंसल ने एक बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस मौके पर कंसल ने बताया कि वे फार्मासिस्टों की सुविधा के लिए हर कदम पर सुगमता बनाने के लिए वचनबद्ध हैं। यदि काउंसिल के सदस्य अपनी सहमति दें तो नए डिप्लोमा इन फार्मेसी की नवीकरण फीस जो 2650 रुपए 5 वर्ष के लिए निर्धारित की हुई है, उसे कम कर 1650 रुपए कर दी जाए।
इससे राज्यभर के फार्मासिस्टों को फीस में राहत मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि सीएमई की फीस जमा करवाने में ग्रामीण अंचल के फार्मासिस्टों को साइबर कैफे में सौ रुपए फीस के स्थान पर 150-200 रुपए देने पड़ते थे, जिसे काउंसिल के अकाउंट में सीधे सौ रुपए जमा करवाकर उसकी रसीद दिखाने मात्र से काउंसिल के पास जमा फीस की स्वीकृति मान ली जाएगी तथा उन्हें सीएमई अटेंड करने के बाद प्रमाण पत्र मिल जाएगा। बैइक में बताया गया कि काउंसिल के पूर्व चेयरमैन रहे केसी गोयल ने अपने पास कार्यालय की अलमारियों की चाभियां नहीं होने की बात कही है। अत: बैठक में मौजूद डायरेक्टर जर्नल हेल्थ सर्विसेज कार्यालय निदेशक व राज्य औषधि नियंत्रक मजूमदार की उपस्थिति में सर्वसम्मति का फैसला लिया गया कि अलमारियों को वीडियो रिकॉर्डिंग कर खोला जाए।
इसके अलावा, पूर्व चेयरमैन केसी गोयल के पुत्र व पुत्र वधू के नाम डिप्लोमा इन फार्मेसी प्रमाण पत्र जारी होने के बारे में सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा तथा नियमानुसार जो भी कार्रवाई बनेगी, उस को अमल में लाया जाएगा। साथ ही, रिकॉर्ड अनुसार गोयल ने अपने घुटनों के ऑपरेशन के समय निजी निर्णय के आधार पर काउंसिल के खाते से 3.61 लाख रुपए निकलवाए, उन्हें काउंसिल के खाते में वापस जमा करवाने को कंसल को लिखा गया है। 25 लाख रुपए का ट्रेवलिंग एडवांस तथा 8.50 का ट्रेवलिंग व डाइटिंग एनाउंस क्लेम किया हुआ था, उसे भी काउंसिल कार्यालय में वापस जमा करवाने के लिए ईमेल तथा स्पीड पोस्ट पत्र के जरिए लिखा है। इसके अलावा, गोयल सीएमई में किसी भी स्तर तक खर्चा करने के लिए काउंसिल सदस्यों की स्वीकृति नहीं लेते थे, जो उनकी मनमानी को इंगित करता है, उसे भी जांच के दायरे में लिया जाएगा कि इनमें कितना गोलमाल हुआ।