पटना। करोड़ों रुपए की नकली और एक्सपायरी दवा जब्त करने वाले तीन ड्रग इंस्पेक्टरों का ट्रांसफर कर दिया गया है। स्थानीय दवा कारोबारियों का मानना है कि इस ट्रांसफर के पीछे ड्रग माफिया का दबाव मुख्य कारक रहा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस तबादले के खिलाफ धरना देकर आवाज बुलंद की है। हालांकि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि यह तबादला प्रोमोशन के तहत हुआ है, मगर सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि 20 साल से एक भी ड्रग इंस्पेक्टर का प्रोमोशन नहीं हुआ, अचानक इसी मामले में विभाग क्यों सक्रिय हो गया। जानकारों की मानें तो शहर में दवा माफिया सक्रिय हो चुके हैं। नकली व एक्सपायरी दवाओं के खेल में इनको लाखों रुपये का मुनाफा होता है, जिसका खुलासा औषधि विभाग के उक्त तीनों ड्रग इंस्पेक्टर कर चुके हैं। यही नहीं, प्रदेश के बड़े दवा माफियाओं को पकडऩे के लिए इन्होंने ऑपरेशन ड्रग माफिया नाम से एक टीम का गठन किया था। इसमें आम लोग गुप्त सूचना देते थे। इसके बाद औचक छापेमारी में एक्सपायरी दवाएं पकड़ी जाती थी।