देहरादून (उत्तराखंड): तीन साल पहले दून अस्पताल में सामने आए करोड़ों रुपये के दवा घोटाले की विभागीय जांच में उन अधिकारियों को दोषी पाया गया जो उस वक्त अस्पताल में तैनात थे। घोटाला दवाइयों की लोकल खरीद के नाम पर किया गया था। हालांकि जांच में दोषी पाए गए किसी भी अधिकारी को अभी कोई नोटिस नहीं भेजा गया है। विभाग के उच्च अधिकारियों की मानें तो अतिशीघ्र दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस मामले में शासन स्तर पर भी जांच हो रही है जिसे स्वास्थ्य संयुक्तसचिव अतर सिंह को सौंपा गया है। शासन स्तर की जांच में भी यदि अधिकारियों को दोषी पाया गया तो कार्रवाई सख्त हो सकती है।
बता दें कि दवा खरीद में पांच करोड़ रुपये के गोलमाल का आरोप था। हंगामा होने पर विभागीय जांच समिति गठित की गई। जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि जिन अधिकारियों ने दवा खरीदी, उन्हें खरीद के अधिकार ही नहीं थे। खास बात ये कि सीएमओ ऑफिस के योजना बजट से अस्पतालों के लिए दवा और उपकरण खरीदे गए जबकि अस्पतालों से इन दवाइयों और उपकरणाों की डिमांड ही नहीं आई थी।