कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में दवाओं और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कानून के उल्लंघन का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक नियमों को ताक पर रखकर नर्सिंग होम और मेडिकल स्टोर का संचालन किया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब प्रदेश के जिम्मेदार ड्रग इंस्पेक्टर ने खुद को इस अवैध गतिविधि से अनजान बताया।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिलाधिकारी के आदेश पर कानपुर के कल्याणपुर में बने नर्सिंग होम की जांच के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए। जांच में पाया गया की नर्सिंग होम बिना पंजीकरण और तय मानकों को पूरा किए बिना संचालित किए जा रहे हैं।
खबर में यह भी आरोप लगाया गया है कि नर्सिंग होम की जांच के दौरान औषधि निरीक्षक यानी ड्रग इंस्पेक्टर खानापूर्ति कर रहे हैं। लापरवाही के आरोप लगने पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
खबर के मुताबिक नर्सिंग होम के अंदर बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं। इसका संज्ञान लेते हुए डीएम नेहा शर्मा ने ड्रग इंस्पेक्टर को कार्रवाई करने का आदेश दिया। हद तो यह हो गई कि नर्सिंग होम में मेडिकल स्टोर चल रहा है, ड्रग इंस्पेक्टर ने इस बात से खुद को अनजान बताया। खबर में दावा किया गया है कि नर्सिंग होम की जांच के बाद लौटे ड्रग इंस्पेक्टर उनके हिमायती बने दिखे।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नर्सिंग होम संचालकों ने आवेदन करने के बाद उसकी रसीद अपने पास रखी है, लेकिन आज तक जरूरी लाइसेंस नहीं बनवाया है। खबर में कहा गया है कि ड्रग इंस्पेक्टर के ऑफिस में कार्यरत लोगों के साथ इनकी सांठगांठ है और ड्रग इंस्पेक्टर की जांच के दौरान उन्हें रसीद दिखा दिया जाता है कि उन्होंने आवेदन तो किया है, लेकिन अभी तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिला।
बता दें कि कानून के मुताबिक बिना ड्रग लाइसेंस के मेडिकल स्टोर नहीं खोला जा सकता और ना दवाएं स्टॉक की जा सकती हैं। कानपुर में अवैध नर्सिंग होम और मेडिकल स्टोर की खबर के मुताबिक नर्सिंग होम संचालक यहां आने वाले मरीजों को अधिक कीमतों पर दवाई खरीदने के लिए मजबूर करते हैं।
इस बारे में खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थापित ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्या का कहना है कि कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में नर्सिंग होम की जांच का अभियान चलाया गया कुछ रजिस्टर्ड नर्सिंग होम के अंदर चल रहे मेडिकल स्टोर के पास लाइसेंस भी पाए गए कुछ मामलों में ऑनलाइन आवेदन लंबित होने की बात सामने आई लेकिन अब सभी के लाइसेंस बना दिए गए हैं।
मौर्या ने बताया कि कुछ नर्सिंग होम महज दो या तीन कमरों में संचालित होने की बात भी सामने आई लेकिन ताला बंद होने के कारण ऐसे ठिकानों की जांच नहीं की जा सकी।