दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किराने की दुकान में प्रतिबंधित दवा ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का जखीरा मिला है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने रावणभाठा सुपेला स्थित प्रकाश किराना दुकान से 142 पैकेट में रखे ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को जब्त कर दुकान संचालक प्रकाश यादव (32) के खिलाफ मामला दर्ज करा लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इंजेक्शन को पशुओं से अधिक दूध लेने के लिए लगाया जाता है। विभाग की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया। पहले अधिकारियों ने बोगस ग्राहक बनकर दवा मांगी। किराना दुकान संचालक द्वारा दवा उपलब्ध होने की सूचना पर रेड की गई। जब दुकान की जांच की गई तो अधिकारी हतप्रभ रह गए। दुकान में अलग-अलग स्थानों में प्रतिबंधित इंजेक्शन ऑक्सीटोसिन को छिपाकर रखा गया था। अधिकारियों ने बताया कि डेयरी संचालक इस इंजेक्शन को ऐसे दुधारु पशुओं को लगाते है जिनका बछड़ा मर चुका है और मवेशी ने दूध देना बंद कर दिया हो। जो मवेशी दूध दे रहे हंै, उन्हें इंजेक्शन लगाने से दूध की मात्रा 1 से लेकर 2 लीटर तक बढ़ जाती है। लेकिन इंजेक्शन से मवेशी के स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ता है। इसे डेयरी संचालक नजर अंदाज कर देते हैं। ऑक्सीटोसिन फल-सब्जी का आकार बढ़ाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। खाद्य अधिकारियों ने बताया कि मानव के लिए यह जहर के समान है। किसी भी मवेशी को इंजेक्शन लगाकर निकाला गया दूध मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। खास कर किशोरों में इसका असर सबसे ज्यादा पड़ता है। इस दूध के सेवन से शरीर के हार्मोन्स में तेजी से परिर्वतन होता है और समय से पहले शारीरिक बदलाव आता है।