आसीवन। सीएचसी मियागंज में अस्पताल प्रशासन की भारी लापरवाही सामने आई है। यहां अस्पताल परिसर में एक्सपायर ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन कूड़े के ढेर में पड़े मिले हैं। जबकि नियमानुसार इन इंजेक्शनों को जमीन में दफन कराना चाहिए। वहीं, अस्पताल प्रशासन अपनी चूक पर पर्दा डालने में जुटा है। यह भी बताया जा रहा है कि कूड़े में इंजेक्शन मिलने की चर्चा के बाद कर्मचारियों ने कूड़े के ढेर में आग लगा उन्हें नष्ट करने का भी प्रयास किया है।
गौरतलब है कि मियागंज सीएचसी में गंदगी का साम्राज्य स्थापित है। परिसर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। इन्हीं ढेरों में सैकड़ों ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन पड़े मिले। दरअसल, यह इंजेक्शन प्रसव के समय गर्भवती को लगाने के लिए आते हैं। खुले बाजार में इनकी बिक्री प्रतिबंधित है। जो इंजेक्शन कूड़े में पड़ेे मिले हैं, वह मार्च 2019 में एक्सपायर हो चुके हैं। इस संबंध में पूदे जाने पर सीएचसी प्रभारी राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि वे प्रशिक्षण में सीएमओ कार्यालय आए हैं। अभी इसकी जानकारी नहीं है। वापस अस्पताल पहुंच कर जांच कराएंगे। वहीं, सीएमओ डॉ. लालता प्रसाद ने कहा कि सीएचसी प्रभारी से रिपोर्ट तलब की है। लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यहां बता दें कि इससे पहले भी बिछिया सीएचसी क्षेत्र के टीकरगढ़ी गांव में सडक़ किनारे बच्चों के आयरन सिरप के गत्ते फैले पड़े मिलने का मामला प्रकाश में आ चुका है, जिसकी अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है।