नई दिल्ली: केंद्र सरकार के विलंब के मद्देनजर झारखंड सरकार ने गोवा, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात की तर्ज पर राज्य कैबिनेट में फैसला लेते हुए स्वास्थ्य बीमा योजना पर मुहर लगा दी। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को मिलाया जाना था लेकिन ऊपरी देरी के चलते यहां जल्दबाजी करनी पड़ी।
योजना के तहत कैंसर समेत करीब 500 गंभीर बीमारियों की स्थिति में लाभार्थी को 2 लाख रुपये प्रति वर्ष बीमा राशि दी जाएगी। दुर्घटना में मृत्यु या गंभीर विकलांगता में भी बीमा कंपनी दो लाख रुपये देगी। आंशिक रूप से विकलांग होने पर एक लाख रुपये का प्रावधान रखा गया है। सामान्य बीमारी की स्थिति में बीमा की देय राशि प्रति परिवार 50,000 रुपये होगी। परिवार के 60 वर्ष या अधिक के लोगों का बीमा 80, 000 रुपये का होगा। बीमा राशि का लाभ लेने के लिए मरीज 24 घंटा अस्पताल में भर्ती रहना अनिवार्य है। बीमा कंपनी इसे सरकारी और निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की व्यवस्था से जोड़ेगा। सरकार करीब 57 लाख लोगों का बीमा प्रीमियम चुकाएगी। पहचान के लिए बीमित व्यक्ति कोआधार कार्ड या स्वास्थ्य कार्ड रखना होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल आमंत्रित कर सरकार बीमा कंपनी का चयन करेगी।
योजना के तहत कैंसर समेत करीब 500 गंभीर बीमारियों की स्थिति में लाभार्थी को 2 लाख रुपये प्रति वर्ष बीमा राशि दी जाएगी। दुर्घटना में मृत्यु या गंभीर विकलांगता में भी बीमा कंपनी दो लाख रुपये देगी। आंशिक रूप से विकलांग होने पर एक लाख रुपये का प्रावधान रखा गया है। सामान्य बीमारी की स्थिति में बीमा की देय राशि प्रति परिवार 50,000 रुपये होगी। परिवार के 60 वर्ष या अधिक के लोगों का बीमा 80, 000 रुपये का होगा। बीमा राशि का लाभ लेने के लिए मरीज 24 घंटा अस्पताल में भर्ती रहना अनिवार्य है। बीमा कंपनी इसे सरकारी और निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की व्यवस्था से जोड़ेगा। सरकार करीब 57 लाख लोगों का बीमा प्रीमियम चुकाएगी। पहचान के लिए बीमित व्यक्ति कोआधार कार्ड या स्वास्थ्य कार्ड रखना होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल आमंत्रित कर सरकार बीमा कंपनी का चयन करेगी।