बीकानेर। संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल के कैंसर अस्पताल की दवा खरीद में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। बतादे कि तीस की जगह 300 इंजेक्शन खरीदे गए है। अब ये इंजेक्शन कैंसर के मरीजों पर खपाने की आशंका जतायी रही है। हालांकि खरीद के दौरान गड़बड़ी की आशंका होने पर अधिकारियों ने खुद को पाक-साफ साबित करने के लिए ऑर्डर सीट में इंजेक्शन की तादाद 300 की जगह 30 कर दी थी। गौरतलब है कि कोरोना काल में 14 हजार 348 रुपए कीमत के 400-400 एमजी के 300 इंजेक्शन खरीदे गए।
फार्मासिस्ट फर्म को 51 लाख 34 हजार 500 रुपए का भुगतान किया गया। जबकि अस्पताल को 30 इंजेक्शन की खरीद करना ही पर्याप्त था। महंगे इंजेक्शन की इतनी बड़ी तादाद में खरीद कर लाखों रुपए लगाने पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल कागजी रूप से सही साबित होने के लिए आपूर्ति करने वाली फर्म को सूचना करने का हवाला दिया गया। फिर भी फर्म ने 300 इंजेक्शन की आपूर्ति की और भुगतान की कार्यवाही में फर्म के प्रति सहानुभूति दिखाकर भुगतान कर दिया गया। मामला यहां तक ही नहीं रूका। अब तो यह भी आशंकाएं जताई जा रही है कि इस पूरे खेल पर पर्दा डालने के लिए कम डोज की आवश्यकता वाले मरीज को बड़ी डोज भी लगाई जाती हो सकती है।
पत्रिका के पास पीबीएम अस्पताल प्रबंधन के माल आपूर्ति के लिए जारी आदेश, नोटशीट पर कैंसर विशेषज्ञ की ओर से 300 की जगह 30 की खरीद करने की संशोधित अनुशंसा और दवा आपूर्ति करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर को सहानुभूति दिखाते हुए 30 की जगह 300 इंजेक्शन की आपूर्ति लेकर भुगतान संबंधी आदेश के कागजात है। बतादे कि दवा क्रय आदेश जारी होने के तीन दिन बाद 16 मई को मेडिकल कॉलेज ड्रग वेयर हाउस प्रभारी अधिकारी ने कैंसर विभाग को पत्र लिखकर स्पष्ट शब्दों में कोरोनाकाल में रोगियों की संख्या में अत्यधिक कमी, आगामी ३ माह की वास्तविक मांग, अत्यंत महंगी दवा के अनुप्रयोग अथवा अवधि पार होने की आशंका जताई। जिस पर 300 की जगह 30 इंजेक्शन खरीद करने के संशोधित आदेश जारी किए गए। तो वहीं दूसरी तरफ कैंसर विशेषज्ञों के मुताबिक इंजेक्शन की 100 मिलीग्राम और 400 मिलीग्राम की डोज आती है। जिस मरीज को 100 की जरूर होती है, उसे 100 एमजी का इंजेक्शन लगाया जाता है। जिसे 200 या 300 की जरूरत होती है। उसे दो या तीन इंजेक्शन दिए जाते हैं। जबकि 500 एमजी की आवश्यकता होने पर 400 व 100 एमजी के दो इंजेक्शन दिए जाते हैं। परन्तु यहां 100 एमजी का एक भी इंजेक्शन नहीं खरीदा गया। सभी 400-400 एमजी इंजेक्शन खरीद किए।