नई दिल्ली। कैंसर कीमोथेरेपी की नकली दवाओं के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस गोरखधंधे में शामिल सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में दो दिल्ली के रोहिणी स्थित नामी राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के कर्मचारी शामिल हैं।

खाली शीशी में एंटी फंगल दवा भरकर बेचते थे आरोपी

राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले कीमोथेरेपी में इस्तेमाल इंजेक्शनों की खाली शीशियां प्राप्त कर आरोपी उसमें एंटी फंगल दवा भरकर बेचते थे। वे इन्हें दिल्ली, हरियाणा व बिहार समेत अन्य राज्यों के दवा विक्रेताओं व कैंसर के मरीजों से सीधे संपर्क कर सस्ती कीमत में दवा मुहैया कराने का झांसा देकर अपना गोरखधंधा चला रहे थे।

विदेशी मरीजों को बनाते थे शिकार

पता चला है कि आरोपी विशेष तौर पर नेपाल व अफ्रीकी देशों से कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली आने वाले मरीजों को अपना शिकार बनाते थे। बता दें कि कीमोथेरेपी की दवाईयां बहुत हार्ड होती हैं। इसके इस्तेमाल से बाल भी झड़ जाते हैं। ये दवाई बहुत महंगी आती हैं। आरोपियों द्वारा बेची जाने वाली नकली दवाओं में कोई भी ऐसा साल्ट नहीं होता है, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डाले।

चार करोड़ रुपये की नकली कैंसर की दवाएं बरामद

ये आरोपी बिना किसी सक्रिय घटक के नकली दवाएं उपलब्ध कराकर मरीजों के बहुमूल्य जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। नकली दवाइयां दिल्ली के मोती नगर में बनाई जाती थी। आरोपितों की निशानदेही पर सात अंतरराष्ट्रीय व दो भारतीय ब्रांडों की चार करोड़ रुपये मूल्य की नकली कैंसर की दवाएं बरामद की गई हैं।

इनको किया गया गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम विफिल जैन, सूरज शत, नीरज चौहान, परवेज कोमल तिवारी, अभिनय कोहली व तुषार चौहान है। इनमें नीरज चौहान, गुरुग्राम व बाकी सभी दिल्ली के अलग-अलग इलाके के रहने वाले हैं।

ये दवाइयां की बरामद

आरोपियों की निशानदेही पर चार ब्रांडों के 140 भरे हुए इंजेक्शन यानी शीशियां जिनकी कीमत करीब 1.75 करोड़ रुपये हैं। अवैध कारोबार से अर्जित नकदी में 50 हजार भारतीय व 18,000 अमेरिकी डॉलर, तीन कैप सीलिंग मशीनें, एक हीट गन मशीन व 197 खाली शीशियां, पैकेजिंग सामग्री, नोट गिनने की मशीन और मशीनरी उपकरण जब्त किए गए।