नई दिल्ली। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से आसानी से पता लगाया जा सकेगा। भारत के सबसे बड़े कैंसर हॉस्पिटल मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने इस मामले में खास पहल कर दी है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यह सिखाने के लिए गहन शिक्षा को तैनात करना कि कैंसर का शुरुआती निदान कैसे किया जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पता लगाने वाला उपकरण, पूर्वानुमानित गैर-उत्तरदाताओं के लिए अनावश्यक कीमोथेरेपी से बचने में भी मदद करेगा।
हॉस्पिटल में खाली बेड का पता चलेगा
गौरतलब है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) धीरे-धीरे हमारी जिंदगी के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है। यही कारण है कि जिंदगी के हर क्षेत्र में यह बड़े बदलाव ला रहा है। ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च (एनआईएचआर) के अनुसार एआई की मदद से बीमारियों की स्क्रीनिंग और इलाज दोनों का पता आसानी से लगाया जा सकता है। इसके जरिए यह भी पता लगाया जा सकेगा कि कौन से हॉस्पिटल में कितने बेड बचे हैं। एआई की मदद से ब्रेस्ट स्क्रीनिंग और रेडियोलॉजिस्ट का काम करीब आधा हो गया है।
एनआईएचआर की रिपोर्ट मेें बताया गया है कि एआई के जरिए मेडिकल के क्षेत्र में शानदार काम हो रहे हैं। अब ऐसा समय आ गया है कि हम एआई पर भरोसा कर सकते हैं। आंखों से लेकर पेट में होने वाली बीमारी तक का पता हम एआई के जरिए लगा सकेंगे।
हार्ट अटैक के लक्षण को भी पहचान सकेंगे
एआई आधारित स्टेथोस्कोप के जरिए घर पर ही प्राइमरी स्टेज पर हार्ट अटैक के लक्षण को पहचान सकते हैं। दावा किया गया है कि एआई 90 प्रतिशत तक सही परिणाम दिखाता है। रूटीन ब्लड टेस्ट से भी एआई एप्लीकेशन के द्वारा पता चल जाएगा कि किसी व्यक्ति को कब दिल का दौरा पडऩे वाला है।