नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने आंत के विकारों का सटीक पता लगाने के लिए कैप्सूल जैसा एक ऐसा सेंसर विकसित किया है, जिसे निगला जा सकता है। यह मौजूदा तकनीक की तुलना में आंत के विकारों की तीन हजार गुना ज्यादा सटीक पहचान कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया की आरएमआइटी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह गैस सेंसिंग कैप्सूल विकसित किया है। इससे उन स्थितियों के समाधान का भी रास्ता खुल सकता है जिनका पहले पता चल नहीं पाता था। यह कैप्सूल आंत में मौजूद हाइड्रोजन, कार्बन डाईआक्साइड और ऑक्सीजन की मात्रा का पता लगाता है। इस डाटा को मोबाइल फोन पर भी भेजा जा सकता है। आरएमआइटी के शोधकर्ता केली बेरियन के अनुसार फिलहाल सांस की जांच से आंत में गैस की उत्पत्ति का पता लगाया जाता है। इसमें भ्रामक नतीजे आने से समस्या बढ़ जाती है। सांस जांच की तुलना में नई विधि इन बायोमार्करों की तीन हजार गुना ज्यादा सटीक पहचान कर सकती है।