मुरैना (मप्र)। अंबाह और पोरसा नगर में कई मेडिकल स्टोरों पर मरीजों को ब्रांडेड दवाओं के नाम पर जेनेजिक दवाएं थमाई जा रही हैं, लेकिन उनसे कीमत ब्रांडेड दवाओं के समान ही वसूल की जा रही है। यही नहीं, जब दवाएं खरीदने के बाद बिल मांगा जाता है, तो सिर्फ कच्चा बिल थमा देते हैं। पक्के बिल न देकर मरीजों और उनके परिजनों के साथ ठगी का यह खेल खुलेआम चल रहा है। इस संबंध में जिम्मेदारों का कहना है कि एक टीम गठित कर सभी मेडिकल स्टोरों की जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सरकार जेनरिक दवाओं के प्रचार से मरीजों को लाभ पहुंचाना चाहती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अफसरों और ड्रग इंस्पेक्टर से सांठगांठ होने के कारण केमिस्टों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। बाजार में जेनरिक दवाओं को ही फार्मा दवाओं के नाम से ऊंचे दामों में बेच मरीजों के साथ ठगी की जा रही है। बता दें कि अंबाह और पोरसा में 80 से ज्यादा मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश मेडिकल स्टोर संचालक मरीज और उनके परिजन को दवाएं देने के बाद मांगने पर भी पक्का बिल नहीं देते हैं। मुरैना ड्रग इंस्पेक्टर देशराज सिंह का कहना है ब्रांडेड दवाओं की अपेक्षा जेनरिक दवाओं पर लोगों से अधिक पैसा लेना गलत है। नियम से जेनरिक दवाओं पर कंपनी रेट से कम मूल्य होना चाहिए। अंबाह पोरसा में कार्रवाई के लिए टीम गठित हो चुकी है। जल्द ही टीम कार्रवाई करेगी। अंबाह और पोरसा में निजी डॉक्टरों का मेडिकल स्टोर संचालकों से कमीशन बंधा हुआ है। ऐसे में मरीजों के पर्चे पर वही दवाएं लिखी जाती हैं जो डॉक्टर और मेडिकल स्टोर संचालकों को मुनाफा देने वाली होती हैं। एक मेडिकल स्टोर संचालक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इन दिनों नगर में लगभग सभी मेडिकल स्टोर पर कंपनियों को ऑर्डर कर विभिन्न ड्रग की जेनेरिक दवाओं के पत्तों पर अधिक रेट अंकित कराकर मंगाई जा रही हैं। इससे मरीजों को ठगा रहा है।