Medicine survey: मुंबई (Mumbai) में स्थित एक फार्मास्युटिकल मार्केट रिसर्च कंपनी द्वारा किए गए एक मार्केट सर्वे (Medicine survey) में पाया गया है कि लोग कोविड-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं और चिकित्सकों की सलाह पर जारी रखना पसंद करते हैं। बीते 3 सालों में कोविड महामारी के दौरान फार्मा बाजार में विकास का विश्लेषण किया और उपभोक्ताओं के व्यवहार और उनकी खरीद के पैटर्न में बदलाव कैसे आए, इस पर स्वतंत्र सर्वेक्षण किया।
तीन सालों में दवाओं को स्टॉक करने की आदत बढ़ी (Medicine survey)
सर्वे में यह पाया गया है कि शहरी या ग्रामीण पृष्ठभूमि के बावजूद, नियमित दवा उपभोक्ता, चाहे कार्डियोलॉजी या शुगर या हाई बीपी या न्यूरोलॉजी या अन्य जीवन शैली की बीमारियों के रोगी हों, पिछले तीन सालों में घर पर दवाओं को स्टॉक करने की आदत बढ़ी है। साथ ही 2021 और 2022 में इम्युनिटी बूस्टर के उपयोग में बड़ी वृद्धि हुई, लेकिन सर्वे करने वाली मार्केट रिसर्च कंपनी प्रोंटो कंसल्ट के अनुसार इस साल में इसमें कमी आयी है।
फार्माबिज के साथ अपनी विश्लेषणात्मक रिपोर्ट शेयर करते हुए, प्रोंटो के मुख्य बाजार विश्लेषक डॉ. हरि नटराजन ने कहा है कि फार्मास्युटिकल उपभोक्ताओं के व्यवहार में परिवर्तन की घटना हर स्तर पर दवाओं की खरीद, खपत और स्टोरेज के रुप में देखी जा सकती है। इस परिवर्तन का प्रमुख कारण दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता है जिसने सभी को स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया।
साल 2021 और 2022 में जबकि खुदरा बिलों में कार्डियोलॉजी और डायबेटोलॉजी की निरंतर उपस्थिति थी। साल 2023 में श्वसन और एंटीबायोटिक उपयोग की उपस्थिति बढ़ रही है। यह इस साल के पहले तीन महीनों में स्पष्ट हुआ। उन्होंने कहा कि हाल ही में, ग्रामीण आबादी के एक वर्ग ने घर पर प्रतिरक्षा बूस्टर के स्टॉक को कम कर दिया है, लेकिन जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के लिए दवाओं का स्टॉक बढ़ रहा है।
लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की सरकार की पहल के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी के सर्वेक्षण में पाया गया है कि लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का बहुत प्रभाव पड़ा है और लोग हर तरह की बीमारियों से सावधान हैं।
आखिरी तीन महीनों में दवाओं की खरीददारी में मामूली बढ़ोतरी
बाजार विश्लेषक ने कहा कि यह कोविड महामारी के चरम के दौरान बड़ी मात्रा में दवाओं और प्रतिरक्षा बूस्टर को खरीदा और स्टॉक किया गया था, लेकिन पिछले साल की अंतिम तिमाही में इसमें गिरावट शुरू हो गई थी। हालांकि इस साल के आखिरी तीन महीनों में दवाओं की खरीदारी में मामूली बढ़ोतरी देखी जा रही है।
ये भी पढ़ें- दुर्लभ बीमारियां एनपीआरडी में हुई शामिल
सर्वेक्षण में पाया गया है कोविड के बाद की स्थितियों के संबंध में कोविड प्रभावित लोग बालों के झड़ने, सिरदर्द, चिंता सहित कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य परिणामों का सामना कर रहे हैं। यह आकलन किया गया है कि ये स्वास्थ्य स्थितियां कुछ और समय तक रहेंगी।