भीलवाड़ा। देश भर में कोरोना के कारण लगातार नई – नई परेशानिया सामने आ रही है। बाजार से दवाएं गायब हो रही है। तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना मरीजों के लिए प्रयोग करने वाली दवाओं की कालाबाजारी भी हो रही है। दरअसल कोरोना में कारगर माने जाने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन तो सरकारी बंदिशों के कारण बाजार में मरीजों को नहीं मिल रहा, लेकिन अन्य दवाइयां और इंजेक्शन खरीदने के लिए भी कई दुकानों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर से सभी के हाथ-पांव फूल गए हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों को ना तो बेड मिल रहा है और ना ही दवाइयां। ऐसे में मरीजों की हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद अब बाजार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दिए जाने वाली फेबीफ्लू टेबलेट की भी भारी कमी हो गई है। हालांकि दवा विक्रेताओं का कहना है कि जल्द ही नया स्टॉक आ जाएगा और यह परेशानी दूर हो जाएगी।
कोरोना के गंभीर मरीजों को पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा बाद में टोसिलिजुमेब इंजेक्शन दिया जाता है। इसकी एक्सपायरी महज तीन महीने की है। इसलिए दुकानदार और स्टॉकिस्ट सीमित संख्या में ही यह इंजेक्शन मंगवाते हैं ताकि खराब होने का नुकसान उन्हें न झेलना पड़े। जनवरी में उत्पादित हुए इंजेक्शन मार्च के बाद एक्सपायर हो गए। अप्रेल में यकायक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ गई। ऐसे में जो इंजेक्शन उपलब्ध थे, वे मरीजों के मुकाबले कम पड़ गए। ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन केवल भर्ती मरीजों को दिया जा रहा है। टोसिलिजुमेब इंजेक्शन भी सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज को ही लगाया जा रहा है। टोसिलिजुमेब इंजेक्शन बाजार में नहीं मिलता है। अगर कहीं मिल भी रहा है तो दवा विक्रेता इसकी मनमानी कीमत वसूल रहे है।
अप्रैल से पहले डॉक्टर भी फेबीफ्लू टेबलेट भी कम ही लिख रहे थे, इसलिए कई दवा विक्रेताओं ने यह दवा भी कम मंगवाई। अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे के साथ डॉक्टर भी यह दवा लिख रहे है तो मांग भी बढ़ गई है। गंभीर मरीजों के इम्यून रेस्पांस को कंट्रोल करने के लिए टोसिलिजुमेब इंजेक्शन देते हैं ताकि मरीज के फेफड़े की झिल्ली मोटी ना हो जाए। फेबीफ्लू कोविड के माइल्ड पेशेंट को दिया जाता है।
शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड निवासी महावीर कुमार अपनी बेटी के लिए फेबीफ्लू टेबलेट लेने सूचना केन्द्र, माणिक्यनगर रोड, भीमगंज थाना के पास समेत अन्य दवा मेडिकल स्टोर पर गया। एक के बाद एक सारी दुकानें घूम ली, पर कहीं नहीं मिली। दवा विक्रेताओं का कहना है कि दो-तीन दिन में दवा आ जाएगी। इसी प्रकार विजयसिंह पथिक नगर निवासी राजेन्द्र कुमार अपने पुत्र के लिए फेबीफ्लू लेने के लिए मेडिकल स्टोर पर गया लेकिन उन्हें यह दवा नही मिली। दो-तीन घंटे घूमने के बाद परेशान हो निराश घर लौट गया। इस दौरान पुलिस की फटकार भी सहनी पड़ी।