बुरहानपुर : कोरोना महामारी के पिछली दो लहरों में सरकारी अमले ने किस तरह मरीज सुविधाओं के लिए मिली राशि की बंदरबांट की, इसका खुलासा मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में हुआ है।

यहां करोड़ों रुपए का गबन हुआ, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से लेकर नेता और पत्रकार भी शामिल रहे हैं। राज्य में कोरोना महामारी की दो लहर ने जमकर कहर बरपाया था और सैकड़ों लोगों ने जान तक गंवाई थी।
इस बात का खुलासा किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं किया है, बल्कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा कबाड़ बेचे जाने पर लोगों द्वारा की गई शिकायत ने सारा राज खोलकर रख दिया है।

इस घोटाले का राज उजागर होने की कहानी बड़ी रोचक है, जिला अस्पताल प्रबंधन ने पलंग, पंखे, टेबल, कुर्सी और कूलर सहित बड़ी तादाद में सामान को कबाड़ के तौर पर बेचा, जिसे कुछ लोगों ने देखा तो इसकी शिकायत पुलिस तक कर दी।

मामला बढ़ा तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश सिसोदिया ने पुलिस में शिकायत की जिस पर मामला दर्ज हुआ। जिसमें बात सामने आई है कि लगभग 12 का घोटाला हुआ था और इसके लिए कई रास्ते अपनाए गए।

बैंक खाते खुलवाए गए और कोरोना महमारी के लिए आई रकम और रोगी कल्याण समिति के पैसे को कर्मचारियों ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया, इसमें चिकित्सक, पत्रकार, नेता और दूसरे अन्य कर्मचारी शामिल थे, जिन्होंने फर्जी कंपनियां बनाई थीं।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है, इनमें से 13 लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है वही तीन फरार है। इसके अलावा पुलिस ने पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति और नकदी शब्द भी कर ली है।