भागलपुर। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की जब मौत होने लगी तो ऐसा खौफ छाया कि लोगों ने न केवल ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन को ब्लैक में खरीदा, बल्कि डेढ़ माह में करीब 100 करोड़ की दवा की खरीदारी कर डाली। भागलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महासचिव प्रशांत लाल ठाकुर ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह से लेकर अब तक जिले के थोक बाजार में करीब 100 करोड़ रुपये की कोरोना में प्रयुक्त होने वाली दवा व उपकरण बिक गये। सामान्य दिनों में जहां थोक बाजार में हर माह औसतन 30 से 35 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री होती थी, पिछले डेढ़ माह में दवाओं की बिक्री में करीब दोगुने से ज्यादा का उछाल आया है। हालांकि एक सप्ताह से कोरोना में प्रयुक्त होने वाली दवाओं व उपकरणों की बिक्री में कमी देखने को मिल रही है।

दो अप्रैल 2020 से लेकर अब तक जिले में कुल 25333 कोरोना मरीज पाये गए हैं। इनमें से 24373 ठीक हो चुके हैं। इनमें से साढ़े 22 हजार लोग ऐसे रहे, जिन्होंने होम आइसोलेशन में रहते हुए कोरोना की जंग जीती। होम आइसोलेशन में रहते हुए जिन लोगों ने जिन कोरोना गाइडलाइन का पालन किया, उन्होंने इलाज से जुड़ी दवा पारासिटामॉल, आइवरमेक्टिन, फैबीफ्लू, रेमडेसिविर, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया। वहीं कोरोना की पहली लहर में यानी अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 में सिर्फ संक्रमितों ने सेनिटाइजर, ग्लव्स व मॉस्क की ही मांग थी। जबकि ऑक्सीजन की कमी व फेफड़े में संक्रमण के खौफ ने लोगों को पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन फ्लो मीटर, नेबुलाइजर व भाप मशीन की खरीदारी पर जोर दिया।

तिलकामांझी के दवा विक्रेता मनीष ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों में दवा की किल्लत का खौफ हावी रहा। कोरोना के दर्जनों संक्रमितों ने दवाओं की खरीदारी की, जिन तक कोरोना होने के बाद पांच दिन तक दवा नहीं पहुंची। इसके अलावा कई लोग ऐसे लोग भी रहे, जिन्हें लगता था कि कोरोना की दवा की किल्लत हो सकती है। ऐसे में उन्हें जरूरत नहीं होने पर उन लोगों ने बुखार, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, कफ एवं एंटी एलर्जिक सीरप, आइवरमेक्टिन, विटामिन सी, बी, जिंक आदि की दवाओं की खरीदारी कर अपने-अपने घरों में स्टॉक कर लिया, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें दौड़ना न पड़े।

इन-इन दवाओं की बिक्री हुई ज्यादा

मेडरॉल, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, रेमडेसिविर, फैबिफ्लू, मल्टीविटामिन, जिंक, विटामिन सी, एंटी एलर्जिक एवं कफ सीरप, विटामिन डी, मोंटेलुकास्ट-लेवोसेट्रिजिन, गैस, स्टेरॉयड, शुगर, हाईपरटेंशन व खून पतला करने वाली दवा व इंग्जेक्शन।

पहली लहर के मुकाबले इस बार दवा ज्यादा बिकी

कोरोना की पहली लहर में जिले में जहां 60 प्रतिशत तक हैंड सैनिटाइजर, मॉस्क, ग्लव्स, हैंडवॉश की बिक्री हुई थी तो 40 प्रतिशत विटामिन सी, बी, जिंक, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, एजिथ्रोमाइसिन, कफ सीरप, पैरासिटामॉल व गैस की दवाएं बिकी थीं। लेकिन इस बार यानी कोरोना की दूसरी लहर में 35 प्रतिशत हैंड सेनिटाइजर, मास्क, ग्लव्स, हैंडवॉश की बिक्री हुई तो 65 प्रतिशत तक विटामिन सी, बी, जिंक, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, एजिथ्रोमाइसिन, खांसी व पैरासिटामाल, डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन, पैंटाप्रोजोल, रैबिप्रोजोल, शुगर, हाइपरटेंशन, रेमडेसिविर, फैबिफ्लू जैसी दवाएं और पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कसन्ट्रेटर, सिलिंडर जैसे उपकरणों की बिक्री हुई।