सोलन। हिमाचल प्रदेश में बनी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार में सहायक एक दवा समेत नौ दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। इन दवाओं में अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को दी जाने वाली दवा, सूखी खांसी, अल्सर, कोलेस्ट्रोल, एलर्जी, सूजन, तनाव दूर करने की दवा शामिल है। अगस्त में कुल 1245 दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनमें 1207 सैंपल मानकों पर खरे उतरे, जबकि 37 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।
सोलन जिले के आंजी स्थित मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर में कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में दी जाने वाली दवा फैवीमैक्स के दो सैंपल, कालाअंब स्थित डिजिटल विजन कंपनी के सूखी खांसी की दवा कपसेट सीरप, बरोटीवाला क्षेत्र की एक्टीनोवा कंपनी में अल्सर की दवा रेनीटीडाईन, बद्दी के थाना क्षेत्र में गल्फा लैबोरेटरी कंपनी की कोलेस्ट्रोल की दवा एटोरवेस्टाटिन टैबलेट, मानपुरा औद्योगिक क्षेत्र की अल्ट्रा ड्रग कंपनी में एलर्जी की दवा डोवल सेट एम, झाड़माजरी स्थित विनस बायोसाइंसेस में तैयार होने वाली सूजन दूर करने की दवा वेटनेकॉन, कालाअंब के खैरी स्थित पुष्कर फार्मा कंपनी की गाय व भैंस का दूध उतारने की दवा ओक्सीटोसिन और परवाणू की क्लीविस लाइफ साइंस कंपनी की तनाव दूर करने की दवा बुफिटिप-150 ईआर के सैंपल फेल हुए हैं।
ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं। बाजार से स्टॉक हटाने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इनमें सात दवाएं सोलन और दो सिरमौर में बनी हैं। वहीं, प्रदेश की नौ समेत देश में बनी कुल 37 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के अगस्त के ड्रग अलर्ट में ये दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं।