नई दिल्ली। भारत कोरोना वायरस से जहां मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे महत्वपूर्ण हथियारों से लड़ रहा है, वहीं वैक्सीन बनाने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए 14 उम्मीदवारों में से चार जल्द ही क्लीनिकल ट्रायल के चरण में प्रवेश कर सकते हैं। यानी चार वैक्सीन का जल्द ही क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो सकता है। मंत्री ने कहा कि पांच महीने के भीतर देश में चार वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल चरण में प्रवेश कर सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्री से देश में वैक्सीन की स्थिति के बारे में पूछा तो मंत्री ने कहा, ‘पूरी दुनिया कोविड-19 के लिए एक वैक्सीन विकसित करने की कोशिश कर रही है। 100 से अधिक वैक्सीन की उम्मीदवारी हैं, जो विकास के विभिन्न स्तरों पर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन इन प्रयासों में समन्वय कर रहा है। भारत भी इसमें सक्रिय रूप से काम कर रहा है। भारत में 14 उम्मीदवार हैं, जो विभिन्न स्तरों पर हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का जैव प्रौद्योगिकी विभाग अकादमिक दुनिया और उद्योगों को नियामक मंजूरी, अनुदान या वित्तीय सहायता के तौर पर मदद कर रहा है. हर्षवर्धन ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है, हमारी 14 में चार वैक्सीन जल्द ही चार से पांच महीनों के अंदर क्लीनिकल ट्रायल के चरण में होंगी। अभी सभी 14 प्री-क्लीनिकल ट्रायल चरण में हैं। ‘
हालांकि उन्होंने आगाह किया कि कोरोना महामारी के खिलाफ किसी भी वैक्सीन की उम्मीद करना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि इसके विकसित होने की एक लंबी प्रक्रिया है। “चाहे यह जल्द से जल्द विकसित भी हो जाए फिर भी किसी भी वैक्सीन के विकसित होने में कम से कम एक वर्ष लगेगा। इसलिए सामाजिक दूरी, मास्क और हाथों एवं शारीरिक स्वच्छता का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि जब तक कोई वैक्सीन या इलाज नहीं मिल जाता है, तब तक यही उपाय बीमारी के खिलाफ सबसे बड़ी सुरक्षा हैं।