कानपुर। कोरोना नेगेटिव मरीज को पॉजिटिव दिखा लैब संचालक के गोरखधंधे का भंडाफोड़ सामने आया है। मामले की पड़ताल में पता चला है कि निजी तौर पर संचालित ज्ञान पैथोलॉजी से करीब 10 हजार लोग अपनी कोरोना जांच करा चुके हैं। अब वे इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि वो कोरोना संक्रमित थे या नहीं। गौरतलब है कि यहां से जांच करा चुके 30 पॉजिटिव मरीजों की सरकारी लैब में नेगेटिव रिपोर्ट आई है। उधर, डीएम के निर्देश के बावजूद आरोपी पैथोलॉजी के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज किए जाने की खबर नहीं मिली है। बता दें कि इस लैब से रोजाना 300 से अधिक जांच करके अब तक यहां 10 हजार से अधिक सैंपल लिए गए हैं। इसमें बड़ी संख्या में कुछ लोगों के नाम-पते ही फीड नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग की नींद तब उड़ी जब सर्वाधिक पॉजिटिव मरीज ज्ञान पैथोलॉजी सेंटर से रिपोर्ट किए जा रहे थे। अब मामला खुला तो यहां से पॉजिटिव आए और इलाज करा चुके लोग परेशान हैं। वह समझ ही नहीं पा रहे कि उनकी दवा गलत चली या सही। वह कोरोना पॉजिटिव थे या नेगेटिव। ज्ञान पर तत्कालीन सीएमओ डॉ. एके शुक्ला ने भी सवाल उठाए थे। उस समय निगेटिव महिला की पॉजिटिव रिपोर्ट दे दी गई थी। महिला की शिकायत पर सीएमओ ने जांच कराई थी। तब डाटा फीडिंग में चूक की बात लैब संचालक ने स्वीकारी थी। तब उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था।