केस एक
मध्यप्रदेश निवासी 50 वर्षीय राजेश की डायबिटीज काबू में थी। डॉ. अनुज माहेश्वरी ने बतया कि एक हफ्ते पहले मरीज ने चक्कर आने की शिकायत की। शुगर की जांच कराई। खाने से पहले उनकी शुगर 319 थी। खाना खाने के बाद 337 शुगर आई। नतीजतन इंसुलिन की डोज 20 से बढ़ाकर 25 यूनिट कर दी गई।

केस दो
आलमबाग निवासी सरदार करतार सिंह की लंबे समय से डायबिटीज काबू में थी। शनिवार को केजीएमयू फिजियोलॉजी विभाग के डॉ. नरसिंह वर्मा को दिखाया। डॉक्टर ने शुगर का स्तर गड़बड़ देख जीवनशैली में सुधार के साथ दवाओं में तब्दीली की।

कोरोना का डर डायबिटीज (diabetes ) और ब्लड प्रेशर(blood pressure ) के मरीजों पर भारी पड़ रहा है। घर में दुबके डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज खूब मनपसंद भोज कर रहे हैं। कसरत करने से गुरेज कर रहे हैं। यही वजह है कि मरीजों में डायबिटीज का स्तर बढ़ रहा है। इंसुलिन तक की मात्रा तक बढ़ा के मरीजों को दी जा रही है। यह वह मरीज हैं जिनकी लंबे समय से डायबिटीज व ब्लड प्रेशर काबू में था। यह खुलासा केजीएमयू व रिसर्च सोसाइटी ऑफ स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया के सर्वे में हुआ है।

ओपीडी के 200 मरीजों पर सर्वे किया गया है। इसमें 30 से 65 साल के लोगों को शामिल किया गया। केजीएमयू फिजियोलॉजी विभाग के डॉ. नरसिंह वर्मा के मुताबिक लोग घरों में रहे रहे हैं। दिन भर चाय-पकौड़ी, चिप्स और पापड़ का दौर चल रहा है। इससे मरीज को भरपूर मात्रा में कैलोरी मिल रही है। पर, उसकी खपत नहीं हो रही है। इसकी वजह से शरीर में हार्मोन गड़बड़ा रहे हैं। शुगर का स्तर भी गड़बड़ा रहा है। ब्लड प्रेशर भी अनियंत्रित हो गया है।

सोसाइटी के उपाध्यक्ष व अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन (इंडियन चैप्टर) के गर्वनर डॉ. अनुज माहेश्वरी के मुताबिक काफी संख्या में लोग ओपीडी में बढ़ा ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर की शिकायत लेकर आ रहे हैं। काफी लोग फोन पर व वॉट्सएप के माध्यम से रिपोर्ट भेज रहे हैं। ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई जिनकी शुगर लंबे समय से नियंत्रण में चल रही है। कई लोगों की तो इंसुलिन की डोज कम गई थी। नई रिपोर्ट आने के बाद उसे बढ़ानी पड़ी। डायबिटीज के मरीज बहुत संभल कर रहे हैं। क्योंकि इनमें रोगों से लड़ने की ताकत कम होती है। कोरोना वायरस ने हमला कर दिया तो मुश्किल हो सकती है।

कारण

  • देर रात तक जागना
  • सुबह देर से उठना
  • दिन में कई बार चाय-काफी व दूसरी वस्तुओं का सेवन
  • कसरत न करना

ये जरूर करें

  •  लोग सुबह शाम गर्भ पानी का बफारा लें। इससे सांस की नली में वॉयरस व बैक्टीरिया नहीं पनपेंगे
  •  घर के भीतर या छत पर जरूर टहलें। उम्र व क्षमतानुसार कसरत जरूर करें
  •  नियमित दवाओं का सेवन करें
  •  खान-पान पर नियंत्रण रखें। तली-भुनी वस्तुओं से परहेज करें
  •  सोने व जागने का समय तय रखें।