कोरोना के कहर को लेकर लोगों को घबराने की कतई जरूरत नहीं है। थोड़ी-सी सावधानी और साफ-सफाई इस महामारी को आपके पास फटकने की भी नहीं देगी। अगर आपको भी संक्रमण का खतरा सता रहे है तो जांच कराएं। विशेषज्ञों का मानना है कि खासकर तीन स्थितियों में ही जांच कराने की जरूरत है। कोरोना से बचाव के लिए सामान्य सावधानियां बरतना जरूरी हैं। अगर कोई लक्षण दिख रहा है तो जांच कराएं। हर किसी को जांच कराने की जरूरत नहीं है।
डॉ. एनके गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
कब जांच कराएं
1. बुखार खांसी, सांस लेने में परेशानी, गला खराब होने जैसे लक्षण होने पर जांच कराएं
2. यदि आपने हाल में किसी ऐसे इलाके की यात्रा की है, जो कोरोना से प्रभावित है
3. अगर ऐसे किसी परिचित के संपर्क में आए हैं, जिसने प्रभावित क्षेत्र की यात्रा की है
कहां कराएं जांच
1. एमएमजी जिला अस्पताल : 18 वर्ष से अधिक उम्र के संदिग्ध मरीजों के नमूने लेने की सुविधा एमएमजी जिला अस्पताल में की गई है। यहां पर बने आइसोलेशन वार्ड में 10 बेड की व्यवस्था है।
2. जिला संयुक्त अस्पताल : संजय नगर स्थित जिला संयुक्त अस्पताल में भी संदिग्ध लोगों का नमूना लेने की व्यवस्था है। यहां 10 आइसोलेशन बेड बनाए गए हैं।
कैसे होती है जांच
नेजल एस्पिरेट विधि में संदिग्ध की नाक में सॉल्यूशन डालकर जांच की जाती है। वहीं, स्वाब टेस्ट में एक कॉटन के जरिए गले से स्वाब का नमूना लेते हैं। संक्रमण के अंदेशे पर एमएमजी अस्पताल या जिला संयुक्त अस्पताल जाकर जांच कराई जा सकती है। निजी अस्पतालों में यदि कोई संदिग्ध मरीज पहुंचता है तो वह इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देते हैं।
जांच के बाद क्या
-नमूने जांच के लिए दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में भेजे जाते हैं जहां से 48 घंटे में रिपोर्ट मिल जाती है।
-रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाती है। अगर रिपोर्ट में बीमारी के लक्षण दिखे तो स्वास्थ्य विभाग तत्काल सक्रिय हो जाता है।
-मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे एमएमजी अस्पताल और जिला संयुक्त अस्पताल लाने या घर में ही निगरानी में रखने की व्यवस्था की जाती है।
सावधानी सबसे जरूरी
-कोरोना वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों से फैलता है। खांसते या छींकते वक्त अपना मुंह ढंक लें। हाथ को अच्छी तरह धोएं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
-जो लोग संक्रमित इलाके से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं, उन्हें अकेले रहने की सलाह दी जाती है। 14 दिनों तक ऐसा करने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे चालू
-जांच और इलाज संबंधी किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 0120-4186453 पर संपर्क कर सकते हैं।
-108 नंबर डायल करके एंबुलेंस मंगा सकते हैं। एक 108 नंबर एंबुलेंस संदिग्ध रोगियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए आरक्षित है।
मास्क सभी के लिए जरूरी नहीं
डिवीजनल सर्विलांस यूनिट के प्रभारी डॉ. अशोक तालियान ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करने वाले, जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए। बाकी लोगों को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है।