नागौर (राजस्थान)। नर्सिंग छात्र संगठन राजस्थान ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सावर जोशी ने बताया कि संगठन ने राज्य के हर जिले से ज्ञापन और जयपुर में 26 दिसंबर को धरना- प्रदर्शन करके मांग की गई थी कि 10 सालों में नर्स ग्रेड सेकंड की कोई भी भर्तियां नए सिरे से नहीं की गई, इसलिए लाखों बेरोजगार नर्सेज को देखते हुए कम से कम 30 हजार पदों पर नर्स ग्रेड सेकंड की भर्ती की जाए। लेकिन सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया और अब सरकार और प्रशासन कोरोना वायरस संक्रमण की जांच व सर्वे करवाने के लिए ऐसे लोगों को नियुक्त कर रहा है जिनके पास कोई भी मेडिकल की जानकारी नहीं है। ना ही उनके पास कोई डिप्लोमा व डिग्री है। जनता हित को देखते हुए सरकार और प्रशासन द्वारा तुरंत प्रभाव से ऐसे लोगों को सर्वे में लगाने से रोके, जिनके पास मेडिकल लाइन की डिग्री या डिप्लोमा नहीं है वरना इसका हर्जाना पूरे राजस्थान को भुगतना पड़ सकता है। अत: संगठन मांग करता है कि कोरोना वायरस की जांच सर्वे में लाखों बैठे बेरोजगार नर्सेज को सम्मिलित करके राजस्थान को कोरोना वायरस के संक्रमण से रोका जाए। इस मौसम को देखते हुए मच्छरों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया हैं जिससे डेंगू ओर मलेरिया का खतरा भी बढ़ रहा है। इस स्थिति में डेंगू और मलेरिया बढ़ेगा तो हालत और भी बिगड़ सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य बागडोर इन प्रशिक्षित नर्सिंग बेरोजगारों को स्थाई रूप से भर्ती कर सौंपी जाये। प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी के चलते जिला कलेक्टर को आदेश जारी किए जाएं कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए नर्सिंग स्टाफ की स्थाई नियुक्ति की जाए। संगठन ने चेतावनी दी है कि सरकार ने जल्द से जल्द उचित निराकरण नहीं किया तो जनहित में मजबूरन संगठन को आंदोलन का रूप ले लेगा ज्ञापन में महेंद्र सिंह राठौड़ जिला अध्यक्ष आजाद सोनी, आरडी पूनिया आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।