नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे सुझावों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार लहसुन फायदा पहुंचाता है और इसमें सूक्ष्म जीवों से होने वाले नुकसान से बचाने की खूबी है, लेकिन इसे खाने से वायरस का संक्रमण नहीं होगा, यह बात वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध नहीं हो सकी है। वहीं, नमक के पानी से नाक धोने पर वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है, अब तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला। कुछ मामलों में ऐसा करने से सर्दी-खांसी के मामलों में कमी जरूर आई है। रोजाना नाक साफ करने से जरूरी नहीं कि सांस लेने की प्रक्रिया को बाधित करने वाले संक्रमण को रोका जा सके। इसके अलावा भी, तिल का तेल लगाकर कवच बनाने से वायरस के शरीर में प्रवेश न कर पाने की बात पर डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह तेल कोरोनावायरस को नहीं मारता। हालांकि, कुछ ऐसे रसायन हैं जो इसे मार सकते हैं। इनमें ब्लीचिंग, क्लोरिन युक्त डिस्इन्फेक्टेंट शामिल हैं, जिसका इस्तेमाल सफाई में किया जा सकता है। लेकिन अगर वायरस शरीर में पहुंच चुका है तो इनका असर वायरस पर नहीं होगा। इनका इस्तेमाल स्किन पर करना खतरनाक साबित हो सकता है।