नए कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और रोगियों के इलाज में चीन की पारंपरिक दवाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका साबित हुई है। राष्ट्रीय पारंपरिक दवाई प्रबंधन विभाग के अनुसार कुल 6० हजार रोगियों के इलाज में चीनी पारंपरिक दवाइयों का प्रयोग किया गया है और इसका बेहतरीन नतीजा नजर आया है।
चीनी विज्ञान व तकनीक मंत्रालय के उप मंत्री शू नान पींग के अनुसार नए कोरोना वायरस संक्रमण के रोगियों के इलाज में चीनी पारंपरिक दवाइयों का सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ है। अब नए कोरोना वायरस संक्रमण इलाज योजना में पारंपरिक दवा भी शामिल की गई है। वुहान शहर में किए गए नैदानिक अनुसंधान के मुताबिक पारंपरिक दवाइयों के प्रयोग से हल्के रूप से ग्रस्त रोगियों का इलाज समय और भतीर् समय एक से दो दिनों तक कम हुआ है और इन रोगियों की इलाज दर में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।
चीनी पारंपरिक चिकित्सा के प्रशासन विभाग के उप प्रधान यू यैन हूंग ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के प्रयोग से हल्के रोगियों की स्थितियों में स्पष्ट सुधार आया है और गंभीर रोगियों के इलाज में उनकी स्थिति और गंभीर होने से बची है। पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक मेडिसन के संयुक्त प्रयोग से नए कोरोना वायरस संक्रमण रोगियों के इलाज में संतोषजनक प्रभाव मिला है।
चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग और पारंपरिक चीनी चिकित्सा ब्यूरो ने संयुक्त रूप से पारंपरिक दवाइयों से बने डिटॉक्स सूप की सिफारिश की थी। गत 17 फरवरी तक देश के 1० राज्यों के 57 अस्पतालों में कुल 7०1 रोगियों के इलाज में इस दवा का प्रयोग किया गया और अधिकांश रोगियों की स्थितियों में संतोषजनक परिणाम नजर आया है।