नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लड़ने में सार्क देशों की मदद करने की दिशा में भारतीय सेना जल्द ही एक मेडिकल टीम नेपाल भेजने जा रही है. ये टीम नेपाल में कोरांटीन सेंटर तैयार करने, टेस्ट और उपचार की ट्रेनिंग प्रदान करेगी.
आर्मर्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विसेज़ (एएफएमएस) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बैनर्जी के मुताबिक, नेपाल में एक आरआरटी यानि रैपिड रेस्पोंस टीम भेजी जा रही है . इस टीम में थलसेना के अलावा वायुसेना और नौसेना के डॉक्टर्स और दूसरा पैरा-मेडिकल स्टाफ भी शामिल है. ये आरआरटी टीम नेपाल में कोविड-19 से लड़ने में मदद करेगी.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सार्क देशों के राष्ट्रध्यक्षों और मंत्रियों से एक जुट होकर कोरोना वायरस से लड़ने पर जोर दिया था.
लेफ्टिनेंट जनरल बैनर्जी के मुताबिक, इस तरह की टीम जरूरत पड़ी तो रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के समन्वय से दूसरे मित्र-देशों को भी भेजी जा सकती हैं. नेपाल से पहले एक ऐसी ही टीम भारत ने मालद्वीप भेजी थी जो अब वापस लौट आई है.
आपको बता दें कि चीन से जब पहली बार फंसे हुए भारतीयों को निकालकर लाया गया था तो देश का पहला कोरांटीन (क्वारंटीन) सेंटर सेना ने ही राजधानी दिल्ली के करीब मानसेर में तैयार किया था (एक दूसरा सेंटर आईटीबीपी ने छावला में तैयार किया गया था). उसके बाद से ही सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) ने देश के अलग अलग हिस्सों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोरांटीन सेंटर तैयार किए हैं जिनमें इटली और ईरान से लाए गए भारतीयों को रखा गया है. ये आईलोशेन सेंटर्स गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस, जोधपुर, जैसलमेर, मुंबई, कोच्चि, विशाखापट्टनम, चेन्नई, कोलकता इत्यादि में तैयार किए गए हैं.
एएफएमएस के डीजी को मुताबिक, कोविड-19 के टेस्ट के लिए सशस्त्र सेनाओं के छह सैन्य अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है. अभी पांच मिलिट्री हॉस्पिटल इन टेस्ट को करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. ये हैं राजधानी दिल्ली स्थित रिसर्च एंड रेफरल, वायुसेना का बेंगलुरू स्थित कमांड हॉस्पिटल, उधमपुर स्थित सेना के उत्तरी कमान, लखनऊ स्थित मध्य कमान और एफएमसी, पुणें.
गौरतलब है कि थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को देश के सभी 11 लाख सैनिकों को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ ‘ऑपरेशन नमस्ते’ छेड़ने का आहवान किया था. इसके तहत सैनिकों को खुद को कोविड-19 संक्रमित होने से बचना है बल्कि देशवासियों को भी महामारी से बचाना है और देश की सीमाएं भी सुरक्षित रखनी हैं यानि ‘हर मैदान फतह’.