नई दिल्ली। महामारी कोरोना वायरस की दवा जल्द बनने की उम्मीद है।  दुनियाभर में कई जगह अलग-अलग ड्रग के क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं।  भारत में फार्मा कंपनी कोरोना वायरस की दवा तैयार करने में जुट गई हैं। घरेलू दवा कंपनी ग्लेनमार्क भी दो दवाइयों पर काम कर रही है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल (Glenmark Pharmaceuticals) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए फैविपिराविर (Favipiravir) एंटीवायरस टैबलेट के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली थी। ग्लेनमार्क ने पहले फैवीपिरावीर (Favipiravir) नाम की दवा के साथ फेज़ 3 क्लीनिकल ट्रायल कर रही है।  कंपनी ने आज एलान किया है कि एक और दवा के कॉम्बिनेशन के साथ नया ट्रायल भी शुरू किया जाएगा।  इसके लिए सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है।

ग्लेनमार्क की वाइस प्रेसिडेंट क्लीनिकल डेवलपमेंट डॉ. मोनिका टंडन के मुताबिक, ये जो नया कॉम्येबिनेशन है ये पहले के ट्रायल से अलग है।  कोरोना के इलाज के लिए ग्लेनमार्क नई दवा का ट्रायल शुरू किया जाएगा।  दो दवाओं फैवीपिरावीर (Favipiravir) और उमीफेनोविर (umifenovir) दवाओं का कॉम्बिनेशन होगा।  कंपनी को दवाओं के नए कॉम्बिनेशन के लिए DCGI से मंजूरी मिली चुकी है। फैवीपिरावीर प्रभावित सेल्स को मारती है और आगे होने वाले दुष्प्रभाव को रोकती है।  वहीं, उमीफेनोविर कोराना वायरस की सेल्स में एंट्री को रोकती है।  देश भर में 158 कोरोना संक्रमित मरीज़ों पर दवा का ट्रायल होगा। पहले डोज में 1800 mg फैविपिरावीर और 800 mg उमीफेनोविर. बाद के डोज में 800 mg फैविपिरावीर और 800 mg उमीफेनोविर. मरीजों को कुल 14 दिन तक दवाई दी जाएगी, फिर जांच होगी. सिर्फ फैवीपिरावीर को लेकर पहले से ही क्लीनिकल ट्रायल शुरू है। इससे पहले कंपनी ने अपने बयान में कहा था कि उसने फैवीपिरावीर दवा के लिए कच्चा माल (API) आंतरिक तौर पर तैयार कर लिया है।  इसका यौगिक (फॉर्मूलेशन) भी उसने ही विकसित किया है. कंपनी ने DCGI से क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मांगी थी।  यह मंजूरी कोरोना वारयस से आंशिक तौर पर संक्रमित मरीजों पर परीक्षण के लिए मांगी गई थी।  फैविपिराविर एक वायरल-रोधी दवा है।  इंफ्लूएंजा वायरस पर यह दवा काफी कारगार है।  जापान में इंफ्लूएंजा वायरस के इलाज के लिए इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति है।