पाकुड़। देश भर में कोरोना वायरस ने अपना आतंक इस कदर मचाया था कि हर तरफ बस तबाही का ही मंजर देखने को मिला था। गौरतलब है कि देश -दुनियां ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर का तो सामना कर लिया है लेकिन अभी तीसरी लहर की चिंता बनी हुई है। जिससे संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तमाम तैयारी कर चुका है। कोरोना मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसकी भी योजना बनी है। संक्रमितों को आसानी से रेमडिसिविर व फेरापिराविर जैसी अहम दवाइयां मिल सकेंगी। स्वास्थ्य विभाग के दोनों पर्याप्त मात्रा में मौजूद है।
तीसरी लहर को लेकर अतिरिक्त दवा मंगाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। सदर अस्पताल के अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी उपलब्ध कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 1490 वायल रेमडिसिविर इंजेक्शन पाकुड़ को प्राप्त हो चुका है। फेरापिराविर टेबलेट भी काफी मात्रा में है। स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि तीसरी लहर में दवा की कमी नहीं होगी। सीएस कार्यालय ने बताया कि राज्य सरकार भी दवा उपलब्ध कराने के मामले में काफी गंभीर है। समय-समय पर सरकार दोनों दवाइयां उपलब्ध कराती रही है। सरकार दवा की उपलब्धता की जानकारी समय-समय पर लेते रहती है, ताकि भविष्य में दवा की कमी न हो।
राज्य सरकार ने इसी वर्ष अप्रैल माह से पाकुड़ जिले को रेडिसिविर दवा उपलब्ध करा रही है। सरकार ने पहली बार 27 अगस्त 2020 को 12 वायल रेमडिसिविर पाकुड़ जिला को दिया था। इसका उपयोग नहीं होने पर दवा एक्सपायर कर गई। एक्सपायरी डेट अक्टूबर 2020 थी। 27 अप्रैल 2021 को पुन: पाकुड़ जिले को 36 वायल इंजेक्शन दी गई। इनमें 16 वायल का उपयोग किया गया। 11 मई 2021 को 216 वायल रेमडिसिविर इंजेक्शन पाकुड़ को उपलब्ध कराया गया। इसका एक्सपायरी डेट सितंबर 2021 को है। दवा एक्सपायरी होने के पूर्व सिविल सर्जन पाकुड़ ने अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, रांची को 216 वायल इंजेक्शन वापस कर दिया। सीएस ने दूसरे जिले में इस इंजेक्शन का उपयोग करने की बात कही है।
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राज्य मुख्यालय से प्राप्त रेमडिसिविर दिनांक संख्या (वायल में)
27.8.2020 12
27.4.2021 36
06.5.2021 50
11.5.2021 216
20.5.2021 06
30.5.2021 450
05.6.2021 720 ———————
अस्पताल में रेमडिसिविर तथा फेरापिराविर दवा की कमी नहीं है। संक्रमितों को दवा की कमी नहीं होगी। तीसरी लहर से निपटने के लिए विभाग सतर्क है। डा. रामदेव पासवान, सिविल सर्जन