मुंबई। कोरोना से बचाव की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ने 17 हजार से भी ज्यादा मरीजों की जान ले ली। हैरानी की बात यह है कि इस दवा को लेने की सलाह डॉक्टरों ने ही मरीजों को दी थी। इस बात का खुलासा एक नई स्टडी में हुआ है।
स्टडी में बताया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की सलाह दी थी। अब इस दवा की वजह से 17 हजार मौतों का अनुमान लगाया जा रहा है।
छह देशों में मरे 17 हजार लोग
फ्रांसीसी शोधकर्ताओं ने इस रिपोर्ट में पाया कि कोविड-19 की पहली लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दी गई। इस दवा के सेवन से छह देशों में लगभग 17 हजार लोगों की मौत हो गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने की थी अपील
कोरोना महामारी के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि वह खुद इस चमत्कारी दवा को ले रहे हैं। बता दें कि इस दवा का इस्तेमाल अक्सर रुमेटीइड गठिया और ल्यूपस के इलाज के लिए किया जाता है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की दवा है। इसका इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज में भी बड़े स्तर पर किया गया था।
छह देशों में ये मौते हुईं
बायोमेडिसिन एंड फार्माकोथेरेपी के आगामी अंक में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि हार्ट एरिथमिया और मसल वीकनेस जैसे दुष्प्रभावों के कारण मौतों की संख्या बढ़ी। स्टडी के अनुसार जिन छह देशों में ये मौते हुईं, उनमें अमेरिका, तुर्किए, बेल्जियम, फ्रांस, स्पेन और इटली शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि मौतों की संख्या बहुत ज्यादा भी हो सकती है। दरअसल, उनकी स्टडी में मार्च और जुलाई 2020 के बीच केवल छह देशों को शामिल किया गया है।
हालांकि, एफडीए ने जून 2020 में इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी को कैंसिल कर दिया था। कई स्टडी में यह बात सामने आई थी कि कोरोना वायरस पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोई फायदा नहीं था। इससे मौत के खतरे बढ़े ही थे।