रोहतक। कोरोना संक्रमण से रिकवर कर चुके मरीजों काे अब पोस्ट कोविड की समस्याओं की परेशानी बढ़ी है। पीजीआई रिसर्च के मुताबिक प्रदेश में कोरोना से रिकवर हुए मरीजों में से 15 फीसदी पोस्ट कोविड सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं। पीजीआई की पाेस्ट काेविड ओपीडी में अब तक रोहतक, पानीपत, सोनीपत, जींद, भिवानी सहित आसपास के जिलों से करीब 140 लाेग पाेस्ट काेविड समस्या लेकर आ चुके हैं। पल्मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन डिपार्टमेंट के चिकित्सक बताते हैं कि अब तक ओपीडी में 45 से 70 वर्ष आयु के 140 से ज्यादा मरीजों में 90 फीसदी ने लंग फाइब्रोसिस (फेफड़ों की सिकुड़न) और हार्ट के साथ साथ थकान लगना, सांस लेने में दिक्कत, थकान, एंग्जायटी, शरीर में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, एंडोक्राइन डिस्टर्बेंस होने सहित अन्य समस्या मिली है। 60% मरीज 40 से 65 साल की उम्र के रहे। 60% को लंग्स फाइब्रोसिस, जोड़ों में दर्द की समस्या। 50% मरीजों में सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश, सूखी खांसी जैसी समस्या। 30% मरीज एंग्जायटी से पीड़ित मिल रहे। 20% मरीजों में कमजोरी आने, थकान होने, भूख न लगना जैसे लक्ष्ण ज्यादा मिले।कोविड-19 स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी ने कहा कि एनालिसिस से अनुमान है कि रिकवर हो चुके मरीजों में 10 से 15 फीसदी में पोस्ट कोविड सिंड्रोम की समस्या बनी है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू की जाए। शुरुआती चेतावनी के लक्षणों पर ध्यान दें जैसे कि तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन का स्तर 95 फीसदी से नीचे जाना, बिना कारण सीने में दर्द, कमजोरी आदि। हल्की या मध्यम एक्सरसाइज, रोजाना योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन करें। घर के नियमित काम करें, प्रोफेशनल काम धीरे-धीरे शुरू करें।