नई दिल्ली। कोविड-19 के इलाज के रूप में पेश की गई रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की दवा ‘कोरोनिल’ को मद्रास उच्च न्यायालय से एक और बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कंपनी को ट्रेडमार्क ‘कोरोनिल’ का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने कहा कि ‘कोरोनिल’ 1993 से उसका ट्रेडमार्क है। कंपनी के मुताबिक उसने 1993 में कोरोनिल-213 एसपीएल और कोरोनिल-92बी का पंजीकरण कराया था और वह तब से उसका नवीनीकरण करा रही है। कंपनी ने कहा कि फिलहाल इस ट्रेडमार्क पर 2027 तक हमारा अधिकार वैध है। पतंजलि की ओर से कोरोनिल पेश किए जाने के बाद आयुष मंत्रालय ने 1 जुलाई को कहा था कि कंपनी प्रतिरोधक वर्धक के रूप में यह दवा बेच सकती है न कि कोविड-19 के उपचार के लिए।
बता दें कि इससे पहले पतंजलि को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से राहत मिली थी। दरअसल यहां पर भी कोरोनिल को कोरोना की दवा बताने को लेकर एफआईआर दर्ज करने को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस पर कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि ऐसी एक याचिका पहले ही जयपुर में लग चुकी है। ऐसे में अलग-अलग जगह पर एक जैसी याचिका का कोई मतलब नहीं है। जयपुर पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और दिल्ली पुलिस अपना इनपुट दे चुकी है।