नई दिल्ली। कोरोना के इलाज का दावा कर मुसीबत में फंसी पतंजलि आयुर्वेद ने यूटर्न ले लिया है। ‘कोरोनिल टेबलेट’ को पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी दिव्य फार्मेसी ने तैयार किया है। पतंजलि ने उत्तराखंड के आयुष विभाग की ओर से जारी नोटिस के जवाब में कहा है कि उसकी ओर से कोरोना खत्म करने की कोई दवा नहीं बनाई गई है।
हाल ही में बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना से निपटने की दवा तैयार करने का दावा किया था। मामले के संज्ञान में आते ही केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने दवा के प्रचार और बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही कंपनी से डिटेल मांगी थी कि वह बताए कि दवा का कब ट्रायल किया गया और उसमें क्या तत्व शामिल हैं। इसके बाद 24 जून को उत्तराखंड आयुष विभाग ने पतंजलि को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उत्तराखंड के आयुष विभाग के लाइसेंस अधिकारी ने खुद सामने आते हुए कहा था कि उनकी ओर से पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर तैयार करने का लाइसेंस दिया गया था। उनका कहना था कि पतंजलि ने अपने लाइसेंस में दवा तैयार करने की बात ही नहीं कही थी। पतंजलि आयुर्वेद पर कांग्रेस शासित राजस्थान और महाराष्ट्र की सरकारों ने भी शिकंजा कसा है। दोनों ही सरकारों ने कहा है कि यदि राज्य में पतंजलि की दवा का प्रचार होता है या फिर सेल होती है तो फिर कंपनी पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।