न्यूयॉक। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए नई वैक्सीन का आविष्कार किया गया है। यह वैक्सीन कम दाम में और कारगर साबित होगी।

बता दें कि शोधकर्ताओं ने एक नई वैक्सीन विकसित की है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह नई वैक्सीन गेम-चेंजर हो सकती है। यह खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने की एक सस्ती तकनीक है। खराब कोलेस्ट्रॉल से खतरनाक प्लाक का निर्माण होता है। इससे शरीर के अंदर रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, उच्च कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है। दुनियाभर में हृदय संबंधी बीमारियों से हर साल करीब 18 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है।

एनपीजे वैक्सीन्स जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में विस्तार से बताया गया है कि नए टीकों ने एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को पीसीएसके9 इनहिबिटर नामक महंगी श्रेणी की दवाओं के समान ही प्रभावी ढंग से कम किया है। न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय (यूएनएम) में आणविक आनुवंशिकी और सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में प्रोफेसर ब्रायस चाकेरियन के अनुसार वे एक और दृष्टिकोण विकसित करने की कोशिश में रुचि रखते हैं। यह कम महंगा होगा और अधिक व्यापक रूप से लागू होगा। यह दुनियाभर के उन क्षेत्रों में लाभदायक साबित होगा, जहां महंगे इलाज को सहन करने के लिए संसाधन नहीं हैं।

यूएनएम डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के उपाध्यक्ष और प्रोफेसर, हृदय रोग विशेषज्ञ अविनाश आचरेकर का कहना है कि प्रोटीन को अवरुद्ध करने के लिए दो बार मासिक इंजेक्शन उनके खराब कोलेस्ट्रॉल को लगभग 60 प्रतिशत तक कम कर देते हैं। वे महंगे हैं और प्राथमिक देखभाल चिकित्सक या हृदय रोग विशेषज्ञ से पूर्व प्राधिकरण की जरूरत होती है। इसे और अधिक किफायती बनाने के लिए टीम ने एक नया टीका बनाया है।

गैर-संक्रामक वायरस कण पर आधारित है वैक्सीन

यह वैक्सीन एक गैर-संक्रामक वायरस कण पर आधारित है। यह सिर्फ एक वायरस का खोल है। यह पता चला है कि वायरस के उस खोल का उपयोग सभी प्रकार की विभिन्न चीजों के खिलाफ टीके विकसित करने के लिए किया जा सकता हैं। चाकेरियन ने कहा कि उन्होंने पीसीएसके9 प्रोटीन के छोटे टुकड़ों को इन वायरस कणों की सतह पर चिपका दिया। यह प्रतिरक्षा प्रणाली इस प्रोटीन के खिलाफ वास्तव में मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया बनाती है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में शामिल है।

जानवरों पर किया गया परीक्षण

जानवरों पर इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया। उनमें कोलेस्ट्रॉल के स्तर में 30 प्रतिशत तक की भारी कमी देखी है। इसका संबंध हृदय रोग के कम जोखिम से होगा।पिछले 10 वर्षों में, इस टीके का चूहों और बंदरों पर परीक्षण किया गया है। इसके परिणाम आशाजनक रहे हैं।

अब इस वैक्सीन को मनुष्यों के लिए बनाने के लिए समय और काफी धन की जरूरत होगी। यह वैक्सीन शुद्ध, सुरक्षित और किफायती होगी। शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि अगले 10 सालों में यह वैक्सीन बाजार में उतारने में कामयाबी मिल जाएगी।