नई दिल्ली : एक नई स्टडी से इस बात का खुलासा हुआ है कि कोविड-19 से संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के भीतर दिल का दौरा पड़ने या उसके फेल होने पर मौत का खतरा बहुत अधिक रहता है। लेकिन कुछ समय बाद तक यह बढ़ जाता है।
अध्ययन से पता चला है कि अगर बढ़ा हुआ जोखिम 30 दिनों से अधिक रहता है, तब विशेष रूप से दिल का दौड़ा, अलिंद फिब्रिलेशन, वीटीई और पेरिकार्डिटिस जैसे कारणों से मौत होती है।
ऑनलाइन जर्नल हार्ट में प्रकाशित यूके के बड़े बायोबैंक अध्ययन की रिपोर्ट में कोविड को खराब हृदय और मौत के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है, विशेष रूप से उन लोगों में, जिन्हें संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है।
अधिकांश हृदय रोगों का निदान संभव है, विशेष रूप से एट्रियल फाइब्रिलेशन, वीटीई (नस में रक्त का थक्का), पेरीकार्डिटिस और किसी भी कारण से मृत्यु संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के भीतर होती है।
प्राथमिक कारण कोविड-19 से संक्रमण बताया जाता है। इसके उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों को मौत का खतरा ज्यादा रहता है।