अंबाला : क्रोसिन ड्रॉप्स के सील बंद डिब्बे को जब खोला गया तो शीशी में दवा जमी हुई निकली। दवा निर्माता कंपनी ठोस जवाब देने बजाए टरकाने में जुटी है। क्रोसिन ड्रॉप्स के घान संख्या बी-5038, जिस पर उत्पादन तिथि दिसंबर 2015, एक्सपायर तिथि नवंबर 2017 की दवा जब 3 महीने के बच्चे को तेज बुखार होने पर बाल रोग विशेषज्ञ के सुझाव पर देनी चाही तो सील खोलते ही सूखी दवा निकली, जबकि कंपनी ने इसकी लिक्वेड फॉम दर्शाई है। ऐसी दवा कई शीशियों में पाई। रात के वक्त जैसे-तैसे कहीं से दवा जुगाड़ कर बच्चों को राहत पहुंचाई। 6 मार्च 2017 को ग्राहक सेवा नंबर पर संपर्क किया तो दर्ज नंबर 0008004420168 कई प्रयासों के बावजूद बात नहीं सकी। ई-मेल के माध्यम से मामला कंपनी के संज्ञान में लाया गया तो जवाब में जांच का आश्वासन मिला। विवादित बैच की शीशी भी शिकायत करता के पास सुरक्षित है। कंपनी की तरफ से किसी देश के कंट्री कोड से फोन आया। जब उस न. पर डायल किया तो, कवरेज क्षेत्र से बाहर। क्रोसिन ड्रॉप्स निर्माता कंपनी ने मामला निपटने के मन से एक बोतल क्रोसिन ड्रॉप्स कोरियर से भेजा लेकिन शिकायतकर्ता ने उसे ठुकरा दिया। बच्चे की दवा में खोट मिलने जैसी गंभीर स्थिति में भी कंपनी के टरकाने वाले रवैये से मरीज का परिवार गुस्से में है और उचित कार्रवाई की मांग कर रहा है।