मेरठ। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने दवाओं की बिक्री के लिए छूट दे रखी है। इसके बावजूद लोग दवाएं नहीं मिलने से परेशान हैं। कुछ निजी चिकित्सकों द्वारा लिखी गई दवाएं उन्हीं के क्लीनिक पर बने मेडिकल स्टोर पर मिलती हैं, लेकिन उन मेडिकल स्टोर के बंद होने से लोग दवाओं के लिए भटक रहे हैं।
लॉकडाउन में अधिकतर निजी डॉक्टरों के क्लीनिक बंद हैं। क्लीनिक के साथ उनके मेडिकल स्टोर भी बंद हैं। शहर के कई बड़े डॉक्टर तो अस्पताल भी नहीं जा रहे हैं। फोन के माध्यम से अधीनस्थों को निर्देशित कर रहे हैं। ज्यादातर बड़े डॉक्टर जो दवा लिखते हैं, वह उनकी क्लीनिक के मेडिकल स्टोर में ही मिलती है। ऐसे में मरीज परेशान हैं। जबकि गाइडलाइन के मुताबिक मेडिकल स्टोर खुलने चाहिए। कई बार संबंधित दवा का साल्ट भी नहीं मिलता।
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि परेशान मरीज खैरनगर आते हैं। वह ब्रांडेड दवा की मांग करते हैं। साल्ट वाली दवा लेने से इनकार कर देते हैं। चिकित्सकों के क्लीनिक पर मिलने वाली दवा का कॉन्बिनेशन चिकित्सक खुद तैयार कराते हैं। ऐसे में मरीज भ्रम में पड़ जाता है।
सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि मेडिकल स्टोरों को खोले जाने की अनुमति है। टेलीमेडिसिन के जरिए चिकित्सक मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। उनकी दवा भी मरीजों को मिलनी चाहिए। अगर परेशानी हो रही है तो इस संबंध में आईएमए के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।