लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस की इकाई एसटीएफ ने औषधि प्रशासन विभाग के साथ एक संयुक्त अभियान के तहत खून की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया। एसटीएफ ने निजी ब्लड बैंक के दो मालिकों समेत कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इन आरोपियों को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ की टीम ने मानव रक्त (पीआरबीसी) के 302 पैकेट भी बरामद किए। एसटीएफ द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ये आरोपी राजस्थान से पीआरबीसी उत्तर प्रदेश लाते थे और उसे यहां विभिन्न अस्पतालों को बेचते थे।

लखनऊ का रहने वाले असद रजा और कुशीनगर का नौशाद अहमद राजस्थान में विभिन्न धर्मार्थ संगठनों से अवैध रूप से खून खरीदा करता था। यह रक्त आमतौर पर इन संगठनों द्वारा रक्तदान शिविर लगाकर एकत्र किया जाता था।
एसटीएफ के मुताबिक, ये दोनों आरोपी 700 से 800 रुपये प्रति यूनिट की दर पर रक्त खरीदा करते थे और अस्पताल या मरीज की जरूरत के मुताबिक ऊंची कीमत पर बेचा करते थे।

इन दोनों ने तस्करी कर लाए गए रक्त को लखनऊ में विभिन्न ब्लड बैंकों और मध्य उत्तर प्रदेश में कम से कम सात अन्य जिलों में बेचा था। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मोहम्मद अम्मार मिडलाइफ ब्लड बैंक का मालिक है और रोहित कुमार एवं करण मिश्रा वहां टेक्नीशियन हैं। उन्होंने बताया कि अजित दूबे नारायणी ब्लड बैंक का मालिक है और संदीप कुमार वहां टेक्नीशियन है। अधिकारियों के अनुसार, इन सभी को गिरफ्तार किया गया है। रैकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने का काम भी किया जा रहा है।