बहादुरगढ़। शहर के सिविल अस्पताल में अब उन नवजात बच्चों का इलाज भी हो सकेगा, जो जन्म के बाद बीमार हो जाते हैं। ऐसे बच्चों के लिए अस्पताल के एसएनसीयू में नवजात बच्चों के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। अब तक यहां पर ऐसी व्यवस्था नहीं थी। इतना ही नहीं अब ट्रामा सेंटर में बच्चों के लिए अलग से आइसीयू और एचडीयू तैयार किया जा रहा है। जल्द ही यह बन जाएगा और फिर विभाग के हैंडओवर होगा। इसका फायदा यह होगा कि नवजात बच्चों को बीमार होने के बाद यहां से रेफर करने की जरूरत नहीं होगी।
अभी भी वेंटिलेटर की वजह से उन 20 फीसद बच्चों का भी यहां पर इलाज संभव हुआ है, जो जन्म के बाद किन्हीं कारणों से गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं। दरअसल, काफी बच्चाें को जन्म के बाद एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) वार्ड में भर्ती किया जाता है। इसी विभाग में कंगारू यूनिट भी होती है। जहां पर बच्चे के साथ ही जननी को भी रखा जाता है। जन्म के बाद बच्चों में पीलिया व अन्य रोग हो जाते हैं। तब उन्हें एसएनसीयू में रखकर उनकी केयर की जाती है, लेकिन अब से पहले दिक्कत यह होती थी कि यदि किसी बच्चे को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ती थी तो, उनका यहां पर इलाज संभव नहीं हो पाता था।
अब इसकी सुविधा भी हो गई है। बहादुरगढ़ का सिविल अस्पताल ऐसा है जहां पर एक महीने में 100 से ज्यादा डिलीवरी होती है। स्वाभाविक है कि ऐसे में एसएनसीयू में रखने वाले बच्चों की संख्या भी ज्यादा ही होगी। अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. अहिभूषण का कहना है कि संस्थागत डिलीवरी के बाद दूसरी जरूरी व्यवस्था जच्चा-बच्चा की केयर की होती है। इस पर भी फोकस किया जा रहा है। इसी कड़ी में वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है।