सिरसा। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गर्भपात में इस्तेमाल होने वाली प्रतिबंधित दवा यानी एमटीपी किट बेचते एक आशा वर्कर और उसके सहयोगी बिना डिग्रीधारी डॉक्टर को रंगे हाथ दबोचा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक महिला पुलिसकर्मी को फर्जी ग्राहक बनाकर इनके पास भेजा था। आशा वर्कर ने एमटीपी किट देने के बदले दो हजार रुपये वसूल लिए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है ।
जानकारी अनुसार डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. विरेश भूषण को गुप्त सूचना मिली थी कि सिरसा के खैरपुर मोहल्लेे की गली जंडीवाली में आरएमपी डॉक्टर गुलाब सिंह किरोड़ीमल एमटीपी किट बेचता है। डाक्टर का गली के अंदर क्लीनिक है और आशा वर्कर मंजू भी इस गोरखधंधे में शामिल है। सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर बुधराम व ड्रग कंट्रोलर रजनीश के नेतृत्व में टीम का गठन किया। इसके बाद टीम ने एक महिला पुलिसकर्मी को फर्जी ग्राहक बनाकर आशा वर्कर मंजू को फोन करवाया। महिला पुलिसकर्मी ने मंजू से एमटीपी किट मांगी। मंजू ने किट के बदले 2000 रुपए की डिमांड की। मंजू ने फर्जी ग्राहक बनी महिला पुलिसकर्मी को जंडीवाली गली में बुलाया। यहां से उसे डॉक्टर किरोड़ीमल के पास ले गई। इसके बाद आशा वर्कर मंजू ने एमटीपी किट के बदले महिला से 2000 के मांगे। रुपये लेकर जैसे ही उसने महिला को किट थमाई, उसी समय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आशा वर्कर मंजू व डॉक्टर किरोड़ीमल को रंगेहाथ दबोच लिया। बताया गया है कि आरोपी आशा वर्कर मंजू ज्यादातर ग्रामीण गर्भवती महिलाओं को अपने जाल में फांसती थी।
कार्यकारी सिविल सर्जन डॉ. वीरेश भूषण ने बताया कि जिला में गर्भपात करने वाले या इस काम में सहयोग करने वाले गिरोह को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। हम सभी संबंधित कर्मचारियों या ऐसे लोगों को समय-समय पर रेकी करके पकड़ते हैं जो गर्भपात जैसे काम में सम्मिलित रहते हैं। हम पहले भी ऐसे गिरोह को पकड़ चुके हैं। भविष्य में भी इस प्रकार के गिरोह पर हमारी पूरी नजर रहेगी और किसी भी व्यक्ति को जो गर्भपात या भ्रुण लिंग जांच जैसे कृत्यों में शामिल होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।