बस्ती। संत कबीरनगर जिले में 60 लाख की दवाएं विभागीय जिम्मेदारों के गले की फांस बन गई है। दरअसल, इन दवाओं का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। इसके ऑर्डर के लिए क्रय समिति से भी कोई आदेश नहीं लिया गया है।
तत्कालीन सीएमओ डॉ. एसी श्रीवास्तव के कार्यकाल में पहुंचीं इन दवाओं को एक कमरे में बंदकर रखा गया है। दूसरी ओर संबंधित कंपनी इसके भुगतान को लेकर सीएमओ पर दबाव बना रही है। इन स्थितियों में वर्तमान सीएमओ डॉ. हरिगोविंद सिंह ने सूबे के स्वास्थ्य निदेशक व एडी हेल्थ को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश मांगा है। अपनी तैनाती के दौरान विभिन्न मामलों को लेकर सुर्खियों में रहे तत्कालीन सीएमओ डॉ. एसी श्रीवास्तव के कार्यकाल में दवा की एक कंपनी ने सप्लाई के लिए टेंडर डाला। इसके लिए नियमानुसार क्रय समिति की बैठक कर अनुमति ली जाती है। यही नहीं, इसके दर का निर्धारण भी क्रय समिति की बैठक में ही होता है। इसके बावजूद कंपनी से 60 लाख रुपये की दवा संतकबीरनगर को सप्लाई कर दी गई। सप्लाई में आई इस दवा का उल्लेख अभिलेखों में नहीं हो सका। इसी बीच सीएमओ डॉ. एसी श्रीवास्तव का ट्रांसफर हो गया और संबंधित लोगों ने इस दवा को अस्पताल के एक कमरे में रखवा दिया। नवागत सीएमओ डॉ. हरिगोविंद सिंह के ज्वाइन करते ही दवा कंपनी ने बिल प्रस्तुत किया तो सीएमओ ने अभिलेख की जांच करवाई। मगर इस बिल के संदर्भ में दवा की आपूर्ति अभिलेखों में कहीं दर्ज नहीं मिली।
इस गोलमाल को लेकर सीएमओ डॉ. सिंह ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं अपर निदेशक चिकित्सा डॉ. रंगजी द्विवेदी को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करा दिया है। इस संबंध में तत्कालीन सीएमओ डॉ. एसी श्रीवास्तव का कहना है कि जो दवाएं कंपनी ने भेजी हैं, उनका कहीं कोई ऑर्डर नहीं दिया गया। क्योंकि नियमानुसार क्रय समिति ही दवाओं के खरीद का निर्णय लेती है। उन्होंने कहा कि इसमें मेरी कहीं कोई गलती नहीं है। संबंधित फार्मासिस्ट ही इसके बारे में सही बता सकते हैं। वहीं, एडी हेल्थ डॉ. रंगजी दूबे ने बताया कि 60 लाख की दवाओं की सप्लाई का मामला संज्ञान में है। इसकी जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।