डोनर को एक किडनी पर 30 हजार से 50 हजार रुपये मिलते हैं।
पुलिस की मानें तो किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल मरीजों से 2 से 2.5 लाख रुपये वसूलते हैं। 
 
नई दिल्ली: भारत की दुग्ध राजधानी के नाम से मशहूर गुजरात का आणंद जिला किडनी रैकेट लिए इन दिनों सुर्खियों में है। जिले का पंडोली गांव इस रैकेट का केंद्र है, जहां किडनी बेचना फैमिली बिजनेस बन चुका है। इस धंधे में शामिल पूनम सोलंकी लोगों को अपनी एक किडनी बेचने के लिए बरगलाता है। पूनम लोगों से कहता है, इंसान को 2 किडनी की जरूरत नहीं। एक किडनी के सहारे भी जिंदगी गुजारी जा सकती है। अगर एक किडनी दान कर दी जाए तो इससे जरूरतमंद की मदद हो जाएगी। साथ ही इसके बदले मोटी रकम भी कमाई जा सकती है। 50 साल के इस शख्स को लोग पूनम किडनी के नाम से भी पुकारते हैं।
आर्थिक तंगी के चलते 17 साल पहले वह अपनी एक किडनी बेच चुका है। पूनम अपने करीबी रिश्तेदारों से लेकर स्थानीय लोगों को किडनी बेचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यहां तक कि पूनम अपनी पत्नी, बेटे, बहन और जीजा के अलावा 6 रिश्तेदारों को किडनी बेचने में मदद कर चुका है। किडनी रैकेट के इस धंधे में पूनम की मदद कई दलाल करते हैं, जिनके संपर्क दिल्ली और दूसरे बड़े शहरों के अस्पतालों से हैं।
पूरा मामला सामने आने के बाद पंडोली और आसपास के कई गांवों के युवाओं ने पुलिस को बताया कि उनकी एक किडनी निकली जा चुकी है। पुलिस का कहना है कि पूनम जैसे लोगों को एक किडनी पर 30 हजार से 50 हजार रुपये मिलते हैं। हालांकि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल मरीजों से 2 से 2.5 लाख रुपये वसूलते हैं। पुलिस के मुताबिक, यह धंधा बहुत ही आसानी से चल रहा है।
गरीबी से जूझ रहे लोगों को बहला-फुसलाकर उनकी किडनी छीनी जा रही है। इसी तरह के एक और किडनी रैकेट का भंडाफोड़ इस साल तेलंगाना के नलगोंडा जिले में भी हुआ था। पुलिस को शक है इसके तार पंडोली से जुड़े हो सकते हैं।