संसदीय कार्य एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि गुजरात के ऊना में 2000 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन बल्क ड्रग पार्क अगले तीन सालों में बनकर तैयार हो जाएगा। औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) के आयुक्त डॉ. एचजी कोशिया ने बताया कि दिसंबर 2024 से पार्क अपना परिचालन शुरु कर देगा।

केंद्र सरकार दवा सुरक्षा हासिल करने और आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से बल्क ड्रग पार्कों को बढ़ावा देने की योजना लागू कर रही है। फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) ने दिसंबर 2022 में देश के सभी राज्यों के बीच संघीय प्रतिस्पर्धा के आधार पर गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में फार्मा पार्कों के प्रस्तावों को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दे दी थी।

ये भी पढ़ें- नोएडा में नकली प्रोटीन फैक्ट्री का खुलासा

गुजरात सरकार के उद्योग और खान विभाग (आईएमडी) ने भरूच के जंबुसर में देश के पहले बल्क ड्रग पार्क के लिए 2200 एकड़ भूमि का सीमांकन किया है। योजना के तहत, केंद्र सरकार रुपये की वित्तीय अनुदान सहायता की पेशकश कर रही है। बल्क ड्रग पार्कों की सामान्य बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राज्य सरकार आगे रुपए निवेश करेगी। इसके निर्माण में 2,000 करोड़ रुपए की लागत आयेगी।

सामान्य बुनियादी सुविधाओं में एक सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, एक सामान्य विलायक भंडारण प्रणाली, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तूफान जल नालियां, एक सुरक्षा और खतरनाक संचालन लेखा परीक्षा केंद्र शामिल होंगे। गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी), जो कि गुजरात सरकार का पूर्ण स्वामित्व वाला निगम है। जंबुसर में पार्क विकसित करने के लिए राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) के रूप में नामित किया गया है।

इस योजना का उद्देश्य क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करके पहचाने गए केएसएम, ड्रग इंटरमीडिएट्स और एपीआई के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है और इस तरह महत्वपूर्ण एपीआई में भारत की आयात निर्भरता को कम करना है। योजना के तहत, 41 उत्पादों के लिए चयनित निर्माताओं द्वारा की गई बिक्री के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो सभी पहचाने गए 53 एपीआई को कवर करते हैं।