जोधपुर। जोधपुर नशीली दवाइयों को लेकर केंद्र बना हुआ है। यहां गुजरात से नशीली दवाइयां सप्लाई हो रही है। ये नशीली दवाइयां जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों से होती हुई प्रदेश के विभिन्न जिलों और फिर पंजाब राज्य के विभिन्न जिलों में पहुंच रही हैं। दरअसल जोधपुर में मनोचिकित्सक सेंटर पर सीधे सप्लाई होने वाली दवाइयां जोधपुर की होलसेल फर्मों की दुकान पर मिल रही है।

हाल ही में सरदारपुरा स्थित एक फर्म पर 4 डिब्बा दवाइयां मनोविकार केन्द्र पर सीधे मिलने वाली बरामद हुई। ये दवाइयां बिना बिल की थी। जबकि फर्म संचालक को अब तक जेल से जमानत नहीं मिली है।तो वहीं सहायक औषधि नियंत्रक – राकेश वर्मा के मुताबिक नशीली दवाइयों के अवैध कारोबार को लेकर विभाग सतर्क है। समय-समय पर शिकायत मिलते ही कार्रवाई हो रही है। हाल ही में की गई कार्रवाई में नशीली दवाइयों का लिंक भी गुजरात से ही सामने आया था।

दरअसल नशीली दवाइयों के सेवन के बाद किसी तरह की स्मैल मुंह से नहीं आती है। जबकि शराब, गुटखा, सिगेरट के सेवन के बाद स्मैल मुंह में रह जाती है। ऐसे में युवा ज्यादातर नशीली दवाइयों का सेवन कर रहे हैं। ये नशीली दवाइयां भी शहर के मुख्य बाजार की बजाय शहर के आउटर इलाके और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा मिलती है। ज्यादातर नशे में कोडिन, मनोचिकित्सा, दर्द निवारक और नींद की गोलियां काम ली जा रही हैं।

गौरतलब है कि ये दवाइयां राजस्थान में धानेराव, पालनपुर व मेसाणा होते हुए गुढ़ामालानी, सांचौर, लोहावट,फलोदी, बाप, बीकानेर व गंगानगर आदि इलाकों से पंजाब के लिए सप्लाई हो रही हैं। पुलिस व एनसीबी की कार्रवाई में लिंक इन्हीं इलाकों में सप्लाई होने के सामने आते हैं।

हालांकि नशीली दवाइयों में मनोविकार केन्द्रों में सीधे मिलने वाली दवाइयां तक जोधपुर के प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई के दौरान मिल रही है। कई बार ऐसे मामले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, पुलिस व औषधि नियंत्रण संगठन विभाग की कार्रवाई में सामने आए हैं। ज्यादातर नशीली दवाओं पर मैन्यूफेक्चर फर्मों में गुजरात क्षेत्र का नाम सामने आ रहा है।