देवरिया। शासन स्तर पर दवा कंपनियों से की जाने वाली जरूरत की दवाओं पर रोक लगा दी गई है। दवाओं की सप्लाई सीधे लखनऊ से हो रही है। ऐसे में जो दवाएं आ रही हैं, उसमें मांग के अनुरूप दवाएं नहीं मिल रही हैं। ऐसे में मरीजों के सामने दवाओं का संकट खड़ा हो गया है। जिला अस्पताल पुराने स्टाक से काम चला रहा है। बताया गया है कि एक सप्ताह के अंदर यह पुराना स्टाक समाप्त होने वाला है। इसके बाद चिकित्सकों की लिखी दवाओं में सभी दवाएं नहीं मिल पाएंगी। गर्मी में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। लखनऊ से आई दवाओं में मांग के अनुरूप 30 से 40 फीसद ही दवाओं की आपूर्ति हो पा रही है। गैर जरूरी हर्ट अटैक की दवा के अलावा दवाओं में खुजली की दवाएं आईं हैं। ऐसे में मरीजों को कैसे वितरित किया जाय, यह समस्या है। यही नहीं, एंटीबायटिक टेबलेट, इंजेक्शन, बच्चों की दवाएं भी सप्लाई में नहीं आईं है। दवा कंपनियों का तकरीबन 4 करोड़ रुपये बकाया है। संबंधित अधिकारी के अनुसार शासन ने अस्पताल प्रशासन को दवा की खरीदारी पर रोक लगा दी है। यह सही है कि लखनऊ से हो रही दवाएं मांग के अनुरूप नहीं मिल रही हैं। अपने स्तर से दवाओं की खरीदारी में यह फायदा था कि हमें जो दवाएं चाहिए, उसी की खरीदारी हम करते थे। लखनऊ से प्रत्येक सप्ताह डिमांड भेजी जा रही है, लेकिन डिमांड के मुताबिक दवाएं नहीं मिल रही हैं। हम पुराने दवा के स्टाक से काम चला रहे हैं। एक सप्ताह में जब यह समाप्त होगा तो दवाओं के लिए यहां रोज हंगामा और विवाद होगा।