नागपुर, महाराष्ट्र। कोविड महामारी काल में कई दवा व्यपारी बदनीयत से काम करने का कभी मौका नहीं चूक रहे। इसका जीता-जागता प्रमाण महाराष्ट्र के नागपुर में सबसे अधिक देखने को मिला, जहां 20 से अधिक चौपहिया वाहन चालकों की डिक्कियों में दवाइयां भरकर बिना ड्रग्स एफडीए की अनुमति के ही राहगीरों /पब्लिक को औषधि विक्रय का काम पूरे चरम पर चल रहा था। इस गोरखधंधे की सूचना एक जागरूक चिकित्सक डॉक्टर पाठराखे द्वारा एफडीए मुख्यालय में दी जिस पर कार्यवाही करने औषधि निरीक्षकों सतीश चव्हाण एवं नीरज लोहकरे ने क्षेत्र की नाकाबंदी कर कॉम्बिंग शुरू की। मौके पर दो चौपहिया वाहनों पर दवाइयां बिकती पाई गई। जिस पर ड्रग्स एन्ड कॉस्मेटिक अधिनियमों के तहत कार्यवाही करते हुए मौके पर मौजूद उत्पादों की सैंपलिंग की जिन्हें जांच हेतु राज्य लेब में भेजा गया तथा दवाइयों को कब्जे में ले लिया। डॉक्टर पाठराखे ने शक जाहिर किया कि क्या औषधि प्रशसन की कार्यवाही यहीं रुक जाएगी या किसी अनुचित दबाव के चलते फिर से कारों की डिक्कियों में दवाओं का ये अवैध धंधा खूब पनपेगा।