Gorakhpur: गोरखपुर (Gorakhpur) जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में बेच करने का कारोबार चल रहा है। इस कारोबार में अस्पताल के वार्ड ब्वॉय के साथ-साथ स्टाफ नर्से भी शामिल हैं। इस काम को करने के लिए उन्हें प्रति मरीज के हिसाब से प्राइवेट अस्पताल वाले पैसे दे रहे हैं।
कॉलेज प्रशासन ने स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय के खिलाफ जांच का फैसला लिया (Gorakhpur)
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद ये मामला खुलकर सामने आया है। मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन की ओर से आरोपी स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय के खिलाफ जांच का फैसला लिया गया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाहर खूब एंबुलेंस खड़ी रहती है। इन एंबुलेंसों के ड्राइवर करीम नगर और उसके आसपास के इलाके के रहने वाले हैं। ये एंबुलेंस के ड्राइवर खुले तौर पर जाकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में सीधे मरीजों को उठा लेते हैं और बहला-फुसलाकर उन्हें ऐसे प्राइवेट अस्पतालों में ले जाते हैं, जहां पर उनकी सेटिंग रहती है।
प्रत्येक मरीज पर 10 हजार से 25 हजार रुपए
इस खेल में प्रत्येक मरीज के हिसाब से हर मरीज 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक मिलते हैं। सर्जरी वाले मरीजों का रेट 20 से 25 हजार के आसपास हैं। सामान्य मेडिसिन वाले मरीजों का रेट एंबलुेंस चालकों ने पांच से 10 हजार रुपये तय कर रखा है।
जांच में खुलासा हुआ कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बिहार के मरीज इलाज के लिए सबसे अधिक आते हैं। यहीं मरीज एंबुलेंस चालकों और कॉलेज के स्वास्थ्यकर्मियों के निशाने पर रहते हैं। स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को बेहतर कॉलेज में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा न मिलने का हवाला देकर एंबुलेंस कर्मियों के साथ सेटिंग है। ये एंबुलेंस ड्राइवर सीधे मरीज को प्राइवेट अस्पताल में ले जाते हैं।
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इस मामले पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार राय ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एक स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जानकारी मिली है। इस मामले में जांच जारी है दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाही की जायेगी।