बुलंदशहर। चीफ फार्मासिस्ट को करोड़ों रुपये के हुए घोटाले में धर लिया गया है। अब उन्हें एसबीडी जिला चिकित्सालय सहारनपुर कार्यालय भेज दिया गया है।

यह है मामला

स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर जारी किए थे। इनमें गड़बड़ी के मामले सामने आए। पिछले करीब चार साल में 25 टेंडरों की खरीद में चीफ फार्मासिस्ट जगदीश पाल तेवतिया पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत हुई थी। अब इस मामले में मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत के बाद फिलहाल संबद्ध की कार्रवाई की गई है। जांच को प्रभावित होने से बचाने के लिए आरोपी चीफ फार्मासिट को सहारनपुर भेज दिया गया है।

खरीदारी में भ्रष्टाचार के आरोप

कृष्णा नगर निवासी ठेकेदार मुनेश कुमार ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, अपर मुख्य सचिव स्वस्थ्य के साथ महानिदेशक स्वास्थ्य से शिकायत की। इसमें पिछले चार सालों में सामान, दवा और अन्य संसाधन की खरीदारी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए। आरोप है कि 25 टेंडर में करोड़ों रूपये के कमीशन का खेल किया गया है। हालांकि मामले में पहले सीएमओ, सीडीओ और डीएम से शिकायतें होती रहीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके चलते गड़बड़ी का सिलसिला चलता रहा।

30 वर्षों में तबादला तक नहीं हुआ

आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में राजधानी तक पहुंच होने के कारण चीफ फार्मासिस्ट जगदीश पाल तेवतिया का पिछले 30 वर्षों में कभी तबादला नहीं तक हुआ। जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा संज्ञान न लेने के बाद ठेकेदार मुनेश कुमार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दरबार पहुंचकर शिकायत की। इसके साथ ही साक्ष्य भी दिए। इसके बाद महानिदेशक स्वास्थ्य डा. ब्रजेश राठौर ने अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सहारनपुर को जांच अधिकारी नामित किया है।

सहारनपुर एडी को सौंपी जांच

जांच प्रक्रिया को प्रभावित होने से बचाने के लिए जगदीश पाल तेवतिया को एसबीडी जिला चिकित्सालय सहारनपुर संबद्ध कर दिया है। इनके वेतन का भुगतान भी तभी होगा, जब सहारनपुर के एसबीडी अस्पताल के अधीक्षक बुलंदशहर सीएमओ को उपस्थिति उपलब्ध कराएंगे। शिकायतकर्ता द्वारा बुलंदशहर और मेरठ में जांच प्रभावित होने की आशंका जताने के बाद जांच सहारनपुर एडी को सौंप दी गई है।